लखनऊ: आज स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता, कुशल प्रशासक और उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत की 136वीं जयंती है। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई अन्य नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने पंडित गोविंद बल्लभ पंत की जन्म जयंती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया और श्रद्धांजलि दी।
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री व देश के पूर्व गृह मंत्री, ‘भारत रत्न’ पंडित गोविंद बल्लभ पंत की पावन जयंती के अवसर पर आज लखनऊ में लोक भवन स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
अविभाजित उत्तर प्रदेश और भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए उनके… pic.twitter.com/ijazw3Vws5
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 10, 2024
स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका
पंडित गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर, 1887 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में हुआ था। प्रारंभिक पढ़ाई के बाद उन्होंने 1905 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की और वकालत शुरू की। 1914 में पंत ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ आंदोलनों में हिस्सा लेना शुरू किया और 1921 में राजनीति में कदम रखा।
कई बार गिरफ्तार हुए पंडित पंत
1930 में महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। इसके बाद 1940 में नमक सत्याग्रह आंदोलन को संगठित करने में मदद के आरोप में और 1942 में भारत छोड़ो प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने के लिए फिर से गिरफ्तार किया गया। मार्च 1945 तक उन्होंने कांग्रेस कार्यकारिणी समिति के अन्य सदस्यों के साथ अहमदनगर किले में तीन वर्ष बिताए।
मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के रूप में दिया योगदान
संयुक्त प्रांत में 1946 के चुनावों में कांग्रेस की बहुमत प्राप्ति के बाद, पंडित पंत को दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया। वे 1946 से 1947 तक मुख्यमंत्री रहे और 10 जनवरी, 1955 को भारत के गृहमंत्री का कार्यभार संभाला। उनके नाम पर कई अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों का नाम रखा गया है। हिंदी को राजभाषा के रूप में प्रतिष्ठित कराने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
‘भारत रत्न’ से सम्मानित हुए
1957 में गणतंत्र दिवस पर पंडित गोविंद बल्लभ पंत को उनके स्वतंत्रता संग्राम और सार्वजनिक सेवा के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ पंडित गोविंद बल्लभ पंत का 7 मार्च 1961 को निधन हो गया।