अयोध्या: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामनगरी अयोध्या को सौर ऊर्जा सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत, अयोध्या मंडल में 76,108 से अधिक लोगों ने सौर ऊर्जा कनेक्शन के लिए पंजीकरण कराया है। इस योजना का उद्देश्य बिजली की बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करना और लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार मुफ्त बिजली प्रदान करना है। इससे लोगों को उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यकता के अनुरुप बिजली मिल सकेगी। अयोध्या को सोलर सिटी बनाने की घोषणा के साथ, UPNEDA (उत्तर प्रदेश न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) अयोध्या में 40 मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित कर रही है। इसके साथ ही, घर-घर सौर ऊर्जा सिस्टम स्थापित किए जा रहे हैं, जिससे आम जनता तेजी से सौर ऊर्जा के कनेक्शन ले रही है।
सोलर सखी के माध्यम से जागरूकता अभियान
सोलर सिटी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए सोलर सखी द्वारा डोर-टू-डोर कैंपेन चलाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना से लाभान्वित हो सकें। सोलर सखी द्वारा लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों के बारे में जानकारी दी जा रही है और उन्हें पंजीकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह अभियान अयोध्या मंडल में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है।
अयोध्या मंडल मे अभी तक हुए रजिस्ट्रेशन :
- बाराबंकी 24581
- अम्बेडकर नगर 14617
- अयोध्या 13804
- सुल्तानपुर 13651
- अमेठी 9455
अब तक स्थापित किए गए कनेक्शन
- बाराबंकी 330
- अयोध्या 175
- सुलतानपुर 140
- अम्बेडकर नगर 89
- अमेठी 25
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना क्या है ?
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के माध्यम से बिजली की खपत को कम करना और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाने के लिए आर्थिक सहायता और अनुदान प्रदान किया जाता है। सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रति किलोवॉट 10 वर्गमीटर छाया रहित छत की आवश्यकता होती है। एक किलोवॉट के रूफटॉप संयंत्र से औसतन प्रतिदिन 4-5 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। संयंत्र से उत्पादित विद्युत का उपयोग भवन स्वामी द्वारा करने के उपरांत अवशेष विद्युत ग्रिड में चली जाती है। इसका नेटमीटरिंग के माध्यम से विद्युत बिल में संबंधित डिस्कॉम द्वारा समायोजन किया जाता है। उपभोक्ता द्वारा सोलर संयंत्रों की स्थापना में व्यय की गयी धनराशि की प्रतिपूर्ति विद्युत बिल के बचत के रूप में 3 से 4 वर्ष में हो जाती है।
केंद्र व प्रदेश सरकार सरकार द्वारा अनुदान
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न श्रेणियों के घरेलू उपभोक्ताओं को अनुदान प्रदान किया जा रहा है। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य अनुदान इस प्रकार दिए जा रहे हैं। जो संयंत्र की स्थापना के उपरांत उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होता है।
- 1 किलोवाट संयंत्र: केंद्र से ₹30,000 और राज्य से ₹15,000 का अनुदान, कुल ₹45,000
- 2 किलोवाट संयंत्र: केंद्र से ₹60,000 और राज्य से ₹30,000 का अनुदान, कुल ₹90,000
- 3 किलोवाट संयंत्र: केंद्र से ₹78,000 और राज्य से ₹30,000 का अनुदान, कुल ₹1,08,000
- संयंत्र का अनुमानित मूल्य प्रति किलोवाट ₹60,000 से ₹65,000 के बीच है
कैसे करें योजना के लिए आवेदन ?
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जिस पर आवेदन किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना बैंक से ऋण लेकर कराये जाने हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर विभिन्न बैंकों को सूचीबद्ध किया गया है, जिसका लाभ उपभोक्ता द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। सोलर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना हेतु एमएनआरई भारत सरकार के दिशा-निर्देशन में वेंडर इम्पैनलमेंट की कार्यवाही की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 525 वेंडर पंजीकृत हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश में सोलर रूफटॉप संयंत्र की स्थापना के लिए 25 लाख का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए डिस्कॉमवार/ जनपदवार लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता हैं।