लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने सुल्तानपुर में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को एक मुठभेड़ में मार गिराया। जिसके बाद इस मामले को लेकर राजनीति लगातार जारी है। सपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुठभेड़ को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूपी में जाति और धर्म देखकर पुलिस गोली चलती है। अखिलेश यादव के इस बयान पर सुभासपा प्रमुख व योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने पलटवार किया है।
सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए ओपी राजभर ने कहा कि पुलिस गोली चलाने से पहले क्या अपराधी का आधार कार्ड मांगेगी. पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हुए ओपी राजभर ने कहा कि पुलिस अपनी रक्षा में फूल बरसाएगी या गोली चलेगी? उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जब कोई यादव मरता है तो अखिलेश यादव बोलने लगते हैं। वहीं, 20% मुसलमान उनको वोट देते हैं। लेकिन जब कोई मुस्लिम मरता है तब वह चुप हो जाते हैं।
मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार और यूपी पुलिस को घेरा था। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवज़ा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।
नक़ली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नक़ली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नक़ली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फँसाया जाता है। घोर निंदनीय!
लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नक़ली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ़ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 5, 2024