कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हाउस स्टाफ की नियुक्ति में पिछले तीन वर्षों से चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने किया है। CBI का दावा है कि इस भर्ती प्रक्रिया में 84 डॉक्टरों और हाउस स्टाफ की नियुक्तियों में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत मिले हैं।
इस वर्ष हाउस स्टाफ की नियुक्ति के लिए 13 सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया था। प्रक्रिया के अनुसार, इंटरव्यू के बाद सभी सदस्यों के हस्ताक्षर अनिवार्य थे। CBI की जांच में पाया गया कि अंतिम हस्ताक्षर आर. जी. कर के पूर्व प्रिंसिपल और मुख्य आरोपित संदीप घोष ही करते थे।
CBI ने कोर्ट को जानकारी दी है कि 2022 और 2023 में हाउस स्टाफ के इंटरव्यू के बाद समिति के अन्य सदस्यों के हस्ताक्षरों को रद्द कर दिया जाता था, और संदीप घोष अपनी पसंद के लोगों को हाउस स्टाफ के रूप में नियुक्त कर सूची तैयार करते थे। इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और करोड़ों रुपये की हेराफेरी की आशंका जताई जा रही है।
टेंडर प्रक्रिया में भी धांधली का खुलासा
CBICBI की जांच में यह भी सामने आया है कि संदीप घोष के करीबी व्यापारी बिप्लव सिंह की कंपनी ‘मा तारा ट्रेडर्स’ के साथ-साथ ‘बाबा लोकनाथ’ और ‘तियासा एंटरप्राइज’ नामक अन्य कंपनियों का नाम भी इस घोटाले में शामिल है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ये कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में शामिल थीं, जिसमें संदीप घोष ने अपनी मर्जी के अनुसार बोली निर्धारित कर बिप्लव सिंह की कंपनियों को ही टेंडर दिए।
टेंडर प्रक्रिया में आर. जी. कर अस्पताल के कुछ अधिकारियों को जानकारी थी, लेकिन किसी को भी दस्तावेज नहीं दिए गए थे। केवल पैसे के लेनदेन के दौरान ही डॉ. संदीप घोष इन अधिकारियों को दस्तावेज उपलब्ध कराते थे।
अन्य आरोप और गिरफ्तारियां
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि संदीप घोष के करीबी एक और वेंडर सुमन हाजरा की कंपनी के माध्यम से अस्पताल में मेडिकल उपकरणों के साथ-साथ सोफा सेट और रेफ्रिजरेटर की भी खरीद की गई थी। इसके अलावा, सुरक्षा गार्ड अफसर अली की पत्नी के नाम पर अस्पताल में एक कैफे खोला गया था, जिसे असल में अफसर अली ही संचालित करते थे।
CBI ने अब तक संदीप घोष के साथ-साथ व्यापारी बिप्लव सिंह, वेंडर सुमन हाजरा, और अफसर अली को भी गिरफ्तार कर लिया है। मामले की आगे की जांच अभी जारी है, और सीबीआई अन्य संबंधित व्यक्तियों और प्रक्रियाओं की भी जांच कर रही है। इस भ्रष्टाचार के खुलासे ने शासन-प्रशासन से लेकर आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।