नई दिल्ली: पेरिस 2024 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक्स में भारतीय एथलीटों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए पदक तालिका में देश का नाम रोशन किया। पुरुषों की भाला फेंक F46 स्पर्धा में अजीत सिंह ने 65.62 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने 5वें राउंड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। यह अजीत का पहला पैरालंपिक मेडल है। उनकी इस उपलब्धि पर संसद टीवी ने लिखा अजीत सिंह की यात्रा किसी पौराणिक कथा से कम नहीं है।
अजीत सिंह की यात्रा किसी पौराणिक कथा से कम नहीं है! अपने उल्लेखनीय थ्रो के साथ, #पैरालिंपिक2024 में पुरुषों की भाला फेंक एफ46 में रजत पदक जीता!
आपकी ताकत ने और आपकी भावना ने लाखों लोगों के दिलों को खुश कर दिया है। बधाई हो अजीत!#Paralympics2024 @Paris2024 #Cheer4Bharat pic.twitter.com/Hrx8oicBnR
— SansadTV (@sansad_tv) September 4, 2024
इसी स्पर्धा में, सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.96 मीटर के थ्रो के साथ ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। सुंदर, जो इस श्रेणी में विश्व रिकॉर्ड धारक भी हैं, उन्होंने चौथे राउंड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। यह उनका दूसरा पैरालंपिक पदक है; उन्होंने टोक्यो 2020 में इसी श्रेणी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
इस प्रतिस्पर्धा में तीसरे भारतीय एथलीट, रिंकू, 61.58 मीटर के थ्रो के साथ पांचवें स्थान पर रहे। क्यूबा के गिलर्मो वरोना गोंजालेज ने 66.14 मीटर के थ्रो के साथ गोल मेडल जीता, जो दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास था।
ऊंची कूद टी63 स्पर्धा: शरद कुमार ने रजत और मरियप्पन थंगावेलु ने ब्रॉन्ज मेडल जीता
पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारतीय ऊंची कूद एथलीटों ने भी दमदार प्रदर्शन किया। पुरुषों की ऊंची कूद टी63 स्पर्धा में, शरद कुमार ने 1.88 मीटर के साथ सिल्वर मेडल जीता, जो उनका दूसरा सीधा पैरालंपिक पदक है। इस प्रदर्शन के दौरान, शरद ने टी42 श्रेणी में मरियप्पन थंगावेलु के 1.86 मीटर के पुराने पैरालंपिक रिकॉर्ड को भी तोड़ा। हालांकि, वह 1.91 मीटर और 1.94 मीटर की ऊंचाई पार करने में असफल रहे।
मरियप्पन थंगावेलु, जो 2016 में रियो डी जेनेरियो में स्वर्ण और टोक्यो में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं, इस बार 1.85 मीटर की ऊंचाई तक ही पहुंच सके। इसके बाद 1.88 मीटर की ऊंचाई पार करने के उनके तीन प्रयास असफल रहे, जिससे उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा।
टी63 श्रेणी में, यूएसए के एज्रा फ्रेच ने 1.94 मीटर के नए पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। इसी स्पर्धा में तीसरे भारतीय एथलीट, शैलेश कुमार, काउंटबैक के आधार पर चौथे स्थान पर रहे।
भारत का ऐतिहासिक प्रदर्शन
पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में भारतीय एथलीटों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एकल संस्करण में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ पदक रिकॉर्ड बना लिया है। इससे पहले, टोक्यो 2020 पैरालंपिक में भारत ने कुल 19 पदक जीते थे, जिसमें पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक शामिल थे। पेरिस पैरालिंपिक 2024 में भारत ने अब तक 3 गोल्ड, 7 सिल्वर और 10 ब्रॉनज़ मेडल जीते हैं। जिसके बाद कुल मेडल्स की संख्या 20 हो गई है।
भारत के इस शानदार प्रदर्शन ने टोक्यो पैरालंपिक के आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जो देश के खेल इतिहास में गौरवपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। भारतीय पैरा-एथलीटों का यह प्रदर्शन देश के खेल मानचित्र पर एक नई पहचान बना रहा है, जो आने वाले सालों में युवाओं को प्रेरित करेगा।
भारतीय दल का यह प्रदर्शन न केवल पैरालंपिक इतिहास में एक मील का पत्थर है, बल्कि देश के पैरा-एथलीटों की बढ़ती क्षमता और दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। पेरिस पैरालंपिक के समापन तक भारत की पदक संख्या में और भी बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है, क्योंकि खेलों का समापन 8 सितंबर को होगा।