प्रयागराज; शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित मदरसे में जाली नोट छापने का मामला सामने आया था। अब पुलिस ने इसी मदरसे से आपत्तिजनक साहित्य बरामद किया है। बरामद साहित्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ आपत्तिजनक बातें लिखी हुई है। इन किताबों को महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएस मुशर्रफ ने लिखा है।
28 अगस्त को प्रयागराज पुलिस ने मदरसे में छापेमारी कर नकली नोट छापने वाली मशीन सहित करीब 3 लाख की जाली करेंसी (100-100 के नोट) बरामद की थी। इस मामले में पुलिस ने मदरसे के मौलवी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। अब जांच में पुलिस को मदरसे से आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुआ है। जिसमें संघ के खिलाफ लोगों के मन में जहर घोला जा रहा है। पुलिस को इस बात का संदेह है कि मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के बीच कहीं आरएसएस को लेकर जहर तो नहीं फैलाया जा रहा था।
क्योंकि इस मदरसे में यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, झारखंड समेत कई राज्यों से छात्र पढ़ने आते हैं। इस स्थिति में संघ के खिलाफ आपत्तिजनक साहित्य बरामद होना कहीं किसी बड़ी साजिश की ओर तो नहीं इशारा नहीं कर रहा। पुलिस इसकी भी पड़ताल में जुटी हुई है।
वहीं, इस मामले में मदरसे के मौलवी सहित गिरफ्तार चारों लोगों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है। माना जा रहा है आगे की पूछताछ के लिए आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए प्रयागराज पुलिस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सकती है। उधर जांच एजेंसियां आरोपियों के बैंक अकाउंट्स की डिटेल खंगालने में जुटी हैं। इस मदरसे में बंगाल,उड़ीसा, बिहार सहित कई राज्यों के लोग रहते हैं। ऐसे में जांच एजेंसियों को संदेह है कि जाली नोटों का कारोबार देश के कई राज्यों तक फैला हो सकता है।
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छापेमारी के दौरान पुलिस को ₹100-100 के नोट की जाली करेंसी बरामद हुई थी। नकली नोट छापने का कारखाना कब से चल रहा था, पुलिस इस बात की भी पड़ताल कर रही है। उधर मदरसे के संचालक को हिरासत में लेकर पुलिस ने जब पूछताछ की तो उसने बताया कि मौलवी अपने कक्ष में किसी को भी आने-जाने नहीं देता था। बिना उसके पूछे कोई भी कमरे में नहीं जा सकता था। मदरसा संचालक ने बताया कि उसके करीबी लोग ही कमरे में जा सकते थे।