प्रयागराज: हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश की बैठक रविवार को टैगोर टाउन में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुम्भ मेला के दौरान फाउंडेशन की ओर से हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा कुम्भ का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर विशाल हिन्दू आध्यात्मिक सेवा कार्यों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
बैठक में सभी ने एक मत से निर्णय लिया कि समाज में हिन्दू आध्यात्मिक एवं नैतिक मूल्यों के जागरण के लिए सम्पूर्ण प्रांत में एक हजार संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। गोष्ठियों में समाज को पर्यावरण संरक्षण देशभक्ति का सम्मान करने, नारी सम्मान, स्वदेशी को अपने जीवन में अपनाने पारिवारिक एवं मानव मूल्यों को बढ़ावा देने तथा श्रेष्ठ नागरिक बनने का संकल्प दिलाया जाएगा।
हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा कुम्भ की तैयारी के बारे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काशी प्रांत कार्यकारिणी के सदस्य नागेंद्र ने बताया कि हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन सम्पूर्ण देश में प्रकृति वंदन वृक्ष पूजन, गंगा वंदन, गो वंदन, आचार्य वंदन, मातृ पितृ वंदन, अतिथि वंदन, कन्या वंदन एवं परमवीर चक्र विजेता वंदन आदि कार्यक्रमों के माध्यम से हिन्दू धर्म एवं आध्यात्मिक की पताका को फहराने का कार्य कर रहा है। इसके लिए देश के सभी बड़े शहरों में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेलों का आयोजन किया जा रहा है। अब तक चेन्नई, तिरुवंतपुरम, हैदराबाद, मुम्बई, दिल्ली, नागपुर, इंदौर, जयपुर, गाजियाबाद, अहमदाबाद, गौहाटी आदि शहरों में हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेलों का आयोजन किया जा चुका है।
इसी श्रृंखला में प्रयागराज महाकुम्भ में एक विशाल हिन्दू आध्यात्मिक सेवा कार्यों की प्रदर्शनी तथा आध्यात्मिक मेले का आयोजन किए जाने की योजना बनाई गई है। इसमें देश विदेश के अनेक प्रतिष्ठित संत महात्माओं का जमावड़ा होगा। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन भारतीय नारी के सम्मान को बढ़ाने के लिए मेले में 51 हजार कन्याओं के वंदन का भी कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया गया है।
हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा फाउंडेशन पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संयोजक अमरनाथ ने कहा कि वास्तव में नारी का सम्मान तो पुरुष की आंखों में है। यदि समाज में नारी सम्मान को बढ़ावा देना है तो पुरुषों के मन में स्त्री के मातृत्व एवं शक्तियों के महत्व के बारे में संस्कार डालना पड़ेगा तभी नारी सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा कि आज हिन्दू समाज में स्त्री पुरुष अनुपात में स्त्री का अनुपात घटा है तो उसका कारण है सामाजिक बुराइयां। इस कारण पुरुष स्त्री को सम्मान की दृष्टि से नहीं देख पाता है। इसलिए बचपन से ही कन्या वंदन के माध्यम से मातृशक्ति को सम्मान देना चाहिए। यह हमारी हिन्दू आध्यात्मिक परम्परा भी है।
हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा कुम्भ की तैयारी के सम्बंध में लोगों ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो गिरीश त्रिपाठी से भेंट कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने अभियान से जुड़ने की बात कही है। बैठक में गंगादत्त जोशी, आलोक मालवीय, वीर कृष्ण, डॉ. सतपाल, मानव चौरसिया, प्रयाग विभाग के सह विभाग प्रचारक सुबंधु आदि उपस्थित रहे।
इनपुट : हिन्दुस्थान समाचार