नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना के आज 75 वर्ष पूरे हुए। इस अवसर पर पीएम मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित 2 दिवसीय न्यायपालिका के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी और CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने टिकट और सिक्के का भी अनावरण किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, CJI डीवाई चंद्रचूड़, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल सहित सुप्रीम कोर्ट, हाइ कोर्ट और कई जिलों के जज मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है, ये यात्रा है भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की। इस यात्रा में हमारे संविधान निर्माताओं का और न्यायपालिका के अनको मनीषियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। इसमें पीढ़ी दर पीढ़ी उन करोड़ों देशवासियों का भी योगदान है जिन्होंने हर परिस्थिति में न्यायपालिका पर अपना भरोसा अडिग रखा है।
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के 75 वर्ष केवल एक संस्था की यात्रा नहीं है ये यात्रा है भारत के संविधान और संवैधानिक मूल्यों की…इस यात्रा में हमारे संविधान निर्माताओं का और न्यायपालिका के अनको मनीषियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है…इसमें पीढ़ी दर… pic.twitter.com/CM4OFNIDH1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2024
पीएम ने कहा कि भारत के लोगों ने कभी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका पर अविश्वास नहीं किया,इसलिए सुप्रीम कोर्ट के ये 75 वर्ष मदर ऑफ डेमोक्रेसी भारत के गौरव को और अधिक बढ़ाते हैं। देश संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इसलिए इस अवसर में गर्व के साथ प्रेरणा भी है।
140 करोड़ भारतीयों का सपना विकसित भारत
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों का सिर्फ एक ही सपना है। विकसित भारत, नया भारत। नया भारत यानी-सोच और संकल्प से एक आधुनिक भारत। हमारी न्यायपालिका इस विज़न का एक मजबूत स्तम्भ है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे लोकतंत्र में न्यायपालिका संविधान की संरक्षक मानी गई है। ये अपने आप में एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि हमारी सुप्रीम कोर्ट, हमारी न्यायपालिका ने इस जिम्मेदारी का बखूबी निर्वाहन प्रयास किया है। आजादी के बाद न्यायपालिका ने न्याय की भावना की रक्षा की। जब-जब देश की सुरक्षा का प्रश्न आया तब न्यायपालिका ने राष्ट्रहित सर्वोपरि रखकर भारत की एकता की रक्षा की।
10 वर्षों में न्याय पालिका पर 8 हजार करोड़ खर्च
पीएम मोदी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में कई स्तर पर काम हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में न्यायिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए करीब 8 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पीएम ने कहा कि पिछले 25 साल में जितनी राशि न्यायिक बुनियादी ढांचा पर खर्च की गई, उसका 75% पिछले 10 वर्षों में ही हुआ है।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सक्रिय की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि आज महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा, समाज की गंभीर चिंता है। देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कठोर कानून बने हैं, लेकिन हमें इसे और सक्रिय करने की जरूरत है। महिला अत्याचार से जुड़े मामलों में जितनी तेजी से फैसले आएंगे, आधी आबादी को सुरक्षा का उतना ही बड़ा भरोसा मिलेगा।