फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के कायमगंज में रेलवे ट्रैक पर लकड़ी रखने के आरोप में पुलिस ने दो युवकों देव सिंह राजपूत और मोहन कश्यप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 24 अगस्त की रात हुई इस घटना में कासगंज से फर्रूखाबाद आने वाली ट्रेन के लोको पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा देखकर समय रहते गाड़ी को रोक लिया, जिससे ट्रेन के इंजन में लकड़ी फंस गई थी और ट्रेन लगभग 30 मिनट लेट हो गई।
साक्ष्य संकलन के बाद देव सिंह और मोहन कुमार गांव से गिरफ्तार
रेल लाइन के CCA जहीर अहमद खान ने घटना की सूचना पुलिस को दी थी, जिसमें बताया गया कि अज्ञात व्यक्तियों ने आम की लकड़ी के टुकड़े को रेलवे ट्रैक पर रखकर यात्रियों की जान को खतरे में डालने की कोशिश की। पुलिस ने इस मामले में साक्ष्य संकलन के बाद देव सिंह और मोहन कुमार को अरियारा गांव से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे रात में करीब 9 बजे खेत पर पहुंचे थे और आसपास कोई नहीं होने के कारण उन्हें लगा कि ट्रेन पलटाने का आज अच्छा मौका है।
इरादा रेलगाड़ी पलटाकर फेमस होने का था
उन्होंने प्रमोद के खेत के पास आम के पेड़ के नीचे पड़ी लकड़ी उठाकर रेलवे लाइन पर डाल दी। दोनों का इरादा रेलगाड़ी पलटाकर फेमस होने का था। हालांकि, ट्रेन नहीं पलटी और डर के मारे दोनों दिल्ली भागने की फिराक में थे। पुलिस ने बताया कि दोनों ने शराब के नशे में लकड़ी को ट्रैक पर रखने की साजिश रची थी। घटनास्थल के पास कटे हुए आम के पेड़ की लकड़ी और शराब की बोतल भी बरामद की गई।
लोको पायलट की सतर्कता से टला था बड़ा हादसा
बता दें, 24 अगस्त की रात करीब 11 बजे कासगंज से चलकर फर्रूखाबाद आ रही यात्री ट्रेन भटासा हॉल्ट से 500 मीटर आगे बढ़ी थी, तभी ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा देखा और ट्रेन रोक दी। इसके बाद ट्रेन के लोको पायलट ने लकड़ी को ट्रैक से हटाया और ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंची। इस वजह से ट्रेन 30 मिनट देरी से फर्रूखाबाद स्टेशन पहुंची। इस घटना पर एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा था कि लोको पायलट की सतर्कता से एक बड़ा हादसा टल गया।