लखनऊ: उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंगलवार को अपनी बैठक में 13 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस प्रस्तावों में प्रदेश की जनता के लिए कई राहत और सुविधाओं की घोषणाएं की गई हैं। अब पारिवारिक संबंधियों के नाम रजिस्ट्री कराने पर स्टांप शुल्क की छूट दी जाएगी, जिससे केवल 5 हजार रुपये खर्च होंगे। कैबिनेट ने सेटलमेंट डीड के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की है। वहीं, डाटा सेंटर संशोधन नीति और संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप की दरों में वृद्धि को भी मंजूरी दी गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति के लिए रखरखाव नीति की स्वीकृति दी गई है, जिससे पानी की आपूर्ति और रखरखाव में सुधार होगा। इसके साथ ही, देशी और विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए राज्य पर्यटन निगम के गेस्ट हाउसों को कॉन्ट्रैक्ट पर देने पर भी विचार किया जाएगा, जिससे पर्यटन क्षेत्र को और बढ़ावा मिलेगा।
आइए जानते हैं कैबिनेट की बैठक में लिए गए प्रमुख फैसले:
- पारिवारिक रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क में छूट: पारिवारिक संबंधियों के बीच संपत्ति की रजिस्ट्री पर स्टांप शुल्क की छूट देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत बंटवारा पत्र और समझौता पत्र पर स्टांप शुल्क नहीं लगेगा; इसके बजाय केवल 5 हजार रुपये का खर्च होगा। यह पहल संपत्ति विवादों को हल करने और पारिवारिक सौहार्द को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की गई है। बंटवारा पत्र (विभाजन विलेख) और समझौता पत्र (सेटलमेंट डीड) पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी।
- डाटा सेंटर संशोधन नीति: “उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर (प्रथम संशोधन) नीति-2021” को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत निवेशकों को दो ग्रिड लाइनों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति का लाभ मिलेगा।
- संस्कृत विद्यालयों में छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि: संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की दरों में वृद्धि की गई है, जिससे संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन मिलेगा और विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता मिलेगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप पेयजल आपूर्ति के लिए रखरखाव नीति: पाइप पेयजल आपूर्ति के संचालन और अनुरक्षण के लिए नीति-2024 को मंजूरी दी गई है, जो पानी की नियमित आपूर्ति और उसकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगी। जिन गांवों में पाइप से पेयजल आपूर्ति का काम पूरा हो चुका है, उनके रखरखाव के लिए एक नई अनुरक्षण नीति लागू की गई है। इस नीति के तहत अब अनुरक्षण के लिए निर्धारित 15 फीसदी धनराशि की सीमा समाप्त कर दी गई है और इसके खर्च को राज्य सरकार और वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से वहन किया जाएगा।
- पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार: देश और विदेश के पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार करते हुए, राज्य पर्यटन निगम के गेस्ट हाउस अब कॉन्ट्रैक्ट पर दिए जाएंगे। इस पहल से पर्यटकों को बेहतर आवासीय सुविधाएं प्राप्त होंगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और उनकी यात्रा अनुभव को अधिक आरामदायक बनाया जाएगा।
- गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए वित्तीय सहायता: गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए वायबिलिटी गेप फंडिंग (वी.जी.एफ.) की पूरी धनराशि राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस वित्तीय सहायता से प्रदेश के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा और परियोजना की कार्यान्वयन प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
- आवास और शहरी नियोजन विभाग के प्रस्ताव: आवास और शहरी नियोजन विभाग के प्रस्ताव के तहत, विभिन्न विकास प्राधिकरणों और स्थानीय निकायों के लिए अचल संपत्ति के ट्रांसफर पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप शुल्क की राशि के वितरण की प्रक्रिया को तय करने के संबंध में शासनादेश में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
- नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण: केंद्र से सहायता प्राप्त योजना के तहत, जिला चिकित्सालय, देवरिया को अपग्रेडिड टैक्ट्स ऑटोनोमस राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण के लिए 25 पुराने भवनों को तोड़े जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
- हवाई पट्टियों पर कर्मचारियों का सदुपयोग: प्रदेश की विभिन्न हवाई पट्टियों पर तैनात कर्मचारियों के सदुपयोग और नवनिर्मित हवाई पट्टियों पर कामकाज को बेहतर बनाने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस प्रस्ताव के तहत कर्मचारियों की दक्षता और कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए व्यवस्थाओं को सुधारने और नवनिर्मित हवाई पट्टियों पर कामकाज के संचालन को सुचारू बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
- एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के विकास के लिए भूमि का उपयोग: राजकीय इंटर कॉलेज और राजकीय हाई स्कूल की अनुपयोगी भूमि पर पाठ्येत्तर गतिविधियों के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके तहत इन विद्यालयों की अनावश्यक जमीन पर एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्रों को अतिरिक्त शिक्षा और विकास के अवसर प्राप्त होंगे।
- डिजिटल मीडिया नीति-2024: उत्तर प्रदेश सरकार ने डिजिटल मीडिया नीति-2024 को मंजूरी दी है, जो प्रदेश में डिजिटल मीडिया के विकास और उसके रेगुलेशन पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस नीति के तहत फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम, और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड किए जाने पर संबंधित एजेंसी या फर्म के खिलाफ विधिक कार्यवाही की व्यवस्था की गई है।
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12. औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति: प्रदेश में अल्ट्रा मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के लिए केस-टू-केस आधार पर कस्टमाइज्ड प्रोत्साहन पैकेज स्पेशल परमिशन करने की प्रक्रिया को स्वीकृति दी गई है।
13. भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन: भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 की धारा-10 (2) और धारा-10 (4) के तहत भूमि अधिग्रहण की अधिसूचित सीमा को जनपद गौतमबुद्धनगर के लिए हल्का करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस संशोधन का उद्देश्य क्षेत्र विशेष में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी बनाना है।
ये निर्णय विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं।