बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के भनेड़ा गांव के सरकारी स्कूल में एक विवादास्पद घटना सामने आई हैं, जहां एक मुस्लिम शिक्षिका तनवीर आयशा पर आरोप लगाया गया है कि वह बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल आने से मना करती हैं। छात्रों ने यह जानकारी अपने अभिभावकों को दी, जिसके बाद अभिभावकों ने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की।
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए शिक्षिका तनवीर आयशा को निलंबित कर दिया है। साथ ही, शिक्षक मुख्तार अहमद और ऊषा की वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक दी है। वहीं संबंधित ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी को इस मामले की जांच सौंपी गई है। जांच के परिणाम के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
टोपी पहनकर आने वाले बच्चों को नहीं रोका जाता – छात्रों का आरोप
बिजनौर : स्कूल में मुस्लिम टीचर का मजहबी फरमान का मामला
NEWS1इंडिया की खबर का हुआ बड़ा असर
मंदिर में मजहबी फरमान सुनाने वाली शिक्षिका पर गिरी BSA की गाज,शिक्षिका आयशा को किया सस्पेंड
मुस्लिम शिक्षिका ने हिन्दू छात्रों को तिलक न लगाने का दिया था फरमान@basicshiksha_up #Bijnor pic.twitter.com/vsVNjF1YKi
— News1India (@News1IndiaTweet) August 26, 2024
मामले की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि एक हिंदू और एक मुस्लिम स्कूल में दो शिक्षिकाएं हैं, जिनके बीच अक्सर विवाद होता रहता है। कक्षा 6 के छात्र यश ने आरोप लगाया है कि शिक्षिका तनवीर आयशा बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल आने से रोकती हैं, जबकि मुस्लिम बच्चे टोपी पहनकर आते हैं और उन्हें नहीं रोका जाता। यश का कहना है कि जब टोपी पहनने वाले बच्चों के बारे में सवाल किया जाता है, तो शिक्षिका आयशा उन्हें डांटती या पीटती हैं। एक अन्य छात्र मयंक ने भी यही आरोप लगाए हैं। News1India द्वारा इस घटना से जुड़ी एक वीडियो में एक छात्र अपना अनुभव बता रहा है कि उसे तिलक लगाने से मना कर दिया गया जबकि उसके मुस्लिम सहपाठियों को टोपी पहनने की अनुमति दी गई।
स्कूल की नीति में तिलक लगाने पर कोई पाबंदी नहीं – प्रधानाध्यापक
स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें शिक्षिका आयशा द्वारा बच्चों को तिलक लगाकर आने से मना करने की शिकायत मिली है। प्रधानाध्यापक ने कहा कि स्कूल की नीति में तिलक लगाने पर कोई पाबंदी नहीं है। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को इस मामले की पूरी जानकारी दे दी है। प्रधानाध्यापक के अनुसार, मुस्लिम छात्रों को जुमे के दिन मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए थोड़ी अधिक समय की अनुमति दी जाती है।
अध्यापक मुख्तार पर बच्चों को मस्जिद में नमाज पढ़ाने ले जाने का आरोप
बिजनौर
➡सरकारी स्कूल में धर्म के नाम पर बच्चों से भेदभाव
➡शिक्षक और बच्चे टोपी पहन कर आ रहे है स्कूल
➡छात्रों पर तिलक न लगाकर स्कूल आने का फरमान
➡छात्रों, परिजनों ने इस फरमान का किया विरोध
➡शिकायत पर बीएसए ने शिक्षकों के खिलाफ बैठाई जांच
➡भनेड़ा के उच्च माध्यमिक… pic.twitter.com/3DflxjdKsu
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) August 24, 2024
सहायक अध्यापक मुख्तार अहमद के खिलाफ भी आरोप लगे हैं कि वे मुस्लिम छात्रों को स्कूल के पास स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ाने ले जाते हैं। इसके अलावा, मुख्तार खुद भी स्कूल में टोपी और कुर्ता-पजामा पहनकर आते हैं।
Uttar Pradesh: In Bijnor’s government school, a Muslim teacher allegedly mandated Muslim students to wear caps but prohibited Hindu students from wearing tilak, leading to complaints. Accusations include erasing tilaks and forcing Muslim students to attend Friday prayers. An… pic.twitter.com/7ZLqfHLwxO
— IANS (@ians_india) August 24, 2024
बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेन्द्र कुमार ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। उनका कहना है, “यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। मामला हिंदू छात्रों को कक्षा में तिलक लगाने से रोकने से जुड़ा है। खंड शिक्षा अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। निष्कर्ष के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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