गाजीपुर: बीती 19 अगस्त की रात बाड़मेर-गोहाटी एक्सप्रेस में आरपीएफ के दो जवानों जावेद खान और प्रमोद कुमार को शराब तस्करों ने चलती ट्रेन से फेंक दिया था। हादसे में दोनों जवानों की मौत चुकी है। इस मामले में गाजीपुर के गहमर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। जांच में पुलिस और तस्करों की मिली भगत सामने आई है।
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शराब तस्करों के साथ GRP और RPF की मिलीभगत
दो आरपीएफ आरक्षियों की हत्या को लेकर जांच कर रही एसटीएफ की टीम ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में पता चला है, कि शराब तस्करों ने दोनों को चलती ट्रेन से फेंक दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके साथ ही STF ने कई और खुलासे किए हैं। पड़ताल के दौरान खाकी और तस्करों के बीच गठजोड़ की बात भी सामने आई है। GRP और RPF के भ्रष्ट कर्मचारियों, अधिकारियों की मिलीभगत से यह धंधा खूब फल-फूल रहा है. यहीं नहीं, इस अवैध कारोबार को कुछ सफेदपोश और रसूखदार लोगों का संरक्षण भी प्राप्त है।
चंदौली से बिहार तक हो रही थी ट्रेनों से तस्करी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शराब तस्करों के जिस गिरोह ने आरपीएफ आरक्षियों की हत्या की थी, वह कई सालों से चंदौली से बिहार तक ट्रेनों के जरिए शराब की तस्करी कर रहे थे। अत्याधुनिक स्कैनर चेक पोस्ट, सीसी टीवी कैमरे लगे होने के बाद भी रेलवे प्रशासन से अवैध शराब की तस्करी ट्रेनों से की जा रही थी। सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही ड्राइवर, टीटी, गैंगमैन समेत पेंट्री कार कर्मियों के गठजोड़ की बात भी सामने आई है।
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अभियान चलाकर रोकी जाएगी तस्करी
एसपी चन्दौली आदित्य लांग्हे ने बताया, कि शराब तस्करी को रोकने के लिए जीआरपी के साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। वहीं उन्होंने आबकारी विभाग को लेकर बयान जारी किया है, कि वह मुगलसराय सहित आबकारी दुकानों से हो रही शराब की बिक्री पर नजर रखे।