16 अगस्त की रात कानपुर शहर में साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। घटना रात करीब 2.35 बजे की है। गनीमत रही, कि इस हादसे में कोई यात्री घायल नहीं हुआ था। बता दें, कि घटना के बाद से ही साजिश की आशंका जताई जा रही थी। खुलासा करते हुए पाया गया, कि 26 साल पुराना रेलवे की पटरी के टुकड़े को ट्रेन के रास्ते में रखा गया था।
यह भी पढ़ें- काशी में सिटी ट्रांसपोर्ट के वाहनों पर अंकित होगा त्रिशूल व विश्वनाथ धाम का मॉडल, पर्यटकों को करेंगे आकर्षित
26 साल पुराना है पटरी का टुकड़ा
बता दें, कि 16 अगस्त की रात कानपुर शहर के गोविंदपुरी स्टेशन से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन मार्ग पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी। ट्रेन के 22 डिब्बे बेपटरी हो गए थे। हादसे को लेकर शुरू से ही साजिश होने की आंशका जताई जा रही थी। जांच के लिए खुफिया एजेंसियों को लगाया गया। जांच रिपोर्ट में बताया है, कि 26 साल पुराना एक पटरी का टुकड़ा रेलवे ट्रैक पर रखा गया था। इसी वजह से साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हो गई थी। बताया जा रहा है, कि 1998 तक रेलवे इस तरह ही पटरियों का प्रयोग करता था। आगे की जांच के लिए टीमों को लगाया गया है।
यह भी पढ़ें- अयोध्या में मोईन खान के बाद सलमान ने 6 साल की बच्ची के साथ की दरिंदगी, पुलिस ने एनकाउंटर में किया गिरफ्तार
SAG (वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड) जांच में साजिश की पुष्टि
बता दें, कि हादसे में साजिश की पुष्टि होने के बाद रेलवे की एसएजी की टीम को जांच सौंपी गई थी। 12 दिनों तक साबरमती एक्सप्रेस के चालक एपी सिंह बुधेला, सहायक चालक सहित 34 रेल कर्मियों से पूछताछ की गई थी। कई बार स्थलीय निरीक्षण भी किया गया था। पूछताछ और स्थलीय सबूतों से यह बात पता चली है, कि बोल्डर को बाहर से लाया गया था। साजिश की पुष्टि हो जाने के बाद से जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। इस साजिश में शामिल होने वालों का पता लगाया जा रहा है।