गौ-संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इससे संबंधित अभियान के तहत कानपुर में दो वृहद गौ-आश्रय स्थलों का निर्माण किया जा रहा है। इन जगहों पर 300 से भी ज्यादा निराश्रित गौ वंशों का गोवंश का भरण-पोषण किया जाएगा।
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11 लाख से अधिक गोवंश किए गए संरक्षित
बता दें, कि 31 मार्च 2023 तक कुल 1681.61 करोड़ रुपए खर्च करके 11 लाख 57 हजार 204 निराश्रित गोवंश को संरक्षित किया गया है। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गो-आश्रय पोर्टल पर संबंधित आंकड़ों की अपलोडिंग की जा रही है। वहीं, इस योजना के अन्तर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी गौशाला से गोवंश लेकर उनका भरण-पोषण करेंगा तो उसके एवज में सरकार गौ-वंश का संरक्षण करने वाले व्यक्ति को 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से उपलब्ध कराएगी, यानी कि महीने में एक पशु पर 1500 रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी।
गोरखपुर से हुई थी अभियान की शुरूआत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश भर में अभियान चलाकर निराश्रित गौवंश का संरक्षण किया जा रहा है। प्रथम चरण के अभियान में गोरखपुर, बरेली एवं झांसी मण्डल में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने और उनके भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही किसानों एवं पशुपालकों से अपील की है, कि गोवंश को छुट्टा न छोडे़। यदि इन मण्डलों के किसानों एवं पशुपालकों द्वारा गोवंश को छोड़ दिया जाता है, तो उन पर कानूनी कार्रवाही करने के आदेश भी दिए गए।
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अस्थायी गौ-आश्रय स्थल बनाने के निर्देश
योगी सरकार की तरफ से स्थानीय प्रशासन, मनरेगा एवं पंचायती राज विभाग को भी निर्देशित करते हुए कहा, गया कि उनकी सहायता से जनपदों में जल्द से जल्द अस्थायी गौ-आश्रय स्थल बनवाये जाएं और गौ-आश्रय स्थलों की क्षमता के अनुरूप विस्तारीकरण कराया जाए।
300 से भी ज्यादा गौवंशों का होगा संरक्षण
बता दें, कि कानपुर में निर्माणाधीन गौ आश्रय स्थल की क्षमता लगभग साढ़े तीन सौ से अधिक होगी। एक गौ आश्रय स्थल के निर्माण में एक करोड़ बीस लाख रूपए खर्च होगा। यह जानकारी गुरुवार को कानपुर नगर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.आई.डी.एन.चतुर्वेदी ने दी। उन्होंने बताया, कि कानपुर नगर में ग्रामीण क्षेत्र में 135 गौआश्रय स्थल है और शहर में 7 गौ-आश्रय स्थल है। गायों को चारा एवं पानी एवं समय-समय पर उनका उपचार एवं किसी भी बीमारी से बचने के लिए टीका समय-समय पर प्रत्येक ब्लाक में तैनात पशु चिकित्साधिकारी देख-रेख करते हैं। गौ-आश्रय स्थल का संचालन क्षेत्र के ग्राम प्रधान और उसके लिए बनी समिति के सदस्य करते हैं।
इन दो जगहों को किया गया था चिंहित
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि कानपुर नगर में दो वृहद गौ आश्रय स्थल निर्माणाधीन है। दोनों के कार्यों को प्रतिदिन देखा जा रहा है। एक विकासखंड बिल्हौर के नानामऊ गांव में वृहद गौ आश्रय स्थल का निर्माण हो रहा है। दूसरा ककवन ब्लाक के जमालपुर गांव में बनाया जा रहा है। दोनों का निमार्ण कार्य होने के बाद यहां गायों को संरक्षण के लिए रखा जाएगा।