Lucknow News- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है। बता दें, कि लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों को आरटीओ कायार्लयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अब आवेदकों को लाइसेंस लेने के लिए ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट और ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर जाना होगा। यहीं से उनको ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसा होने से सरकार को करीब 34 करोड़ रुपए का फायदा होगा।
आवेदकों को नही लगाने होंगे चक्कर
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में आरटीओ कायार्लयों को खत्म करके उसकी जगह पर ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट और ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने जा रही है। आगे से आवेदक इन्हीं जगहों से ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे। बता दें, कि अभी तक आरटीओ कार्यालय में टेस्टिंग ट्रैक पर वाहन चलाकर पास होने वाले अभ्यार्थियों का लाइसेंस आरटीओ कार्यालय की तरफ से जारी होता था, लेकिन ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट और ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बन जाने के बाद से लाइसेंस से संबंधित सारे काम इन दोनों जगहों पर ही होंगे।
16 ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 16 ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे। कानपुर और रायबरेली में इसकी शुरूआत हो चुकी है। वहीं, अगर ड्राइविंग ट्रेंनिंग सेंटर्स की बात की जाए तो 16 जगह को छोड़कर प्रदेश के अन्य स्थानों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर ही बनाए जाएंगे। इनके ऑटोमेशन और मेंटेनेंस का काम प्राइवेट कंपनियों को दिया जाएगा। परिवहन विभाग के अधिकारी ड्राइविंग लाइसेंस को अप्रूवल देने भर तक ही सीमित रह जाएंगे। बता दें, कि वर्तमान में आरटीओ कार्यालय में टेस्टिंग ट्रैक पर परमानेंट लाइसेंस के लिए आरआई ही टेस्ट लेते हैं और अभ्यर्थियों को लाइसेंस जारी करते थे।
लखनऊ में तैयार हो रहे 2 सेंटर
परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं, कि प्रदेश में 50 से ज्यादा ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाएंगे। इनमें से कई स्थानों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर तैयार हो रहे हैं। उन्होंने बताया, कि जिस फर्म को टेंडर दिया जा रहा है उन्हें निर्माण कार्य पूरा करने के लिए एक साल का समय दिया जा रहा है। लखनऊ में बक्शी का तालाब और सरोजनी नगर में एक-एक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर बनकर तैयार हो रहे हैं। यहां पर अगले साल से लाइसेंस का काम शुरू हो जाएगा।
ड्राइवरों को किया जाएगा प्रशिक्षित
डीटीआई में चालकों को ड्राइविंग स्किल सिखाने के साथ ही वाहन से संबंधित कई रिसर्च कोर्स भी कराए जाएंगे। ड्राइवरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए उनसे फीस ली जाएगी। गवर्नमेंट और कॉमर्शियल ड्राइवरों के साथ ही निजी वाहन संचालक भी यहां प्रशिक्षण लेंगे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सड़क हादसों के बढ़ रहे ग्राफ को ध्यान में रखकर चालकों के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में रिफ्रेशर कोर्स अनिवार्य होगा। लाइसेंस जारी होने के बाद भी चालकों को डीटीआई में प्रशिक्षित किया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस के समय ड्राइवर से डीटीआई से ट्रेनिंग लेने का सर्टिफिकेट मांगा जाएगा। सर्टिफिकेट प्रस्तुत न कर पाने वाले ड्राइवर का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं होगा।
मिर्जापुर में शुरू हुई ट्रेनिंग और टेस्टिंग
उत्तर प्रदेश रोड सेफ्टी फंड से रायबरेली, मिर्जापुर, वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, कानपुर, बरेली, प्रयागराज, मुरादाबाद, बस्ती, झांसी, आजमगढ़, मथुरा और मेरठ में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट बनकर तैयार हैं। मिर्जापुर में ट्रेनिंग और टेस्टिंग भी शुरू हो गई है। इन सभी जगहों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट संचालित होने के बाद प्रशिक्षित चालक ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अधिकृत होंगे। इसी तरह लखनऊ में बक्शी का तालाब और सरोजिनी नगर में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट बनकर तैयार हो रहे हैं।
सरकार को होगा करीब 34 करोड़ रुपए का फायदा
ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के लिए प्राइवेट फर्म को उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाती है. प्राइवेट फर्म को ही ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट संचालित करने और उनके मेंटेनेंस करने का अधिकार प्रदान किया जाता है. मारुति कंपनी ने अभी तक उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में डीटीआई संचालित करने का काम ले लिया है। 10 और जिले मारुति कंपनी ले रही है। कई अन्य फर्म भी उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट खोलने के लिए आगे आ रही हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं, कि प्राइवेट हाथों को ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट सौंपने से सरकार को करीब 34 करोड़ रुपए का फायदा होगा।
हर महीने बनते हैं एक लाख लाइसेंस
विभागीय आंकड़ों की बात करें ,तो लखनऊ में ही रोजाना करीब 200 ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। यानी हर माह सिर्फ लखनऊ से ही पांच हजार ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जा रहे हैं। अगर प्रदेश के 75 जिलों के 77 आरटीओ कार्यालय की बात करें तो हर महीने एक लाख से भी ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस बनाएं जाते हैं। अपर परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है, कि प्रदेश भर में सरकार की तरफ से ड्राइविंग ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट खुल रहे हैं। लखनऊ में बक्शी का तालाब और सरोजिनी नगर में ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट का निर्माण हो रहा है, जल्द ही निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। उसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस का काम डीटीआई और डीटीसी के माध्यम से किया जाएगा।