रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है। जिससे झारखंड की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है। पार्टी बनाने का ऐलान करने से पूर्व उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन पर अपमानित करने का आरोप लगाया था। चंपई सोरेन रांची से सड़क मार्ग होते हुए कोलकाता पहुंचे थे। जहां पर उनके भाजपा के एक बड़े नेता से मिलने की खबरें भी सामने आई थीं। हालांकि, कोलकाता से वह दिल्ली पहुंचे थे। यहां वह 3 दिनों तक रुके। दिल्ली पहुंचने पर उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह अपने निजी कार्य से यहां आए हैं।
कयास लगाए जा रहे थे कि चंपई सोरेन भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने अब नई पार्टी बनाने का ऐलान कर सबको चौंका दिया है। उनकी पार्टी का नाम क्या होगा इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है। आज बुधवार को मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने स्वयं कहा कि कहा एक नई पार्टी बनाने जा रहे हैं और सभी दलों के लिए गठबंधन के दरवाजे खुले हैं।
VIDEO | Former Jharkhand chief minister Champai Soren (@ChampaiSoren) announces to float a new political party, and also keeps doors open for alliance.
“I had mentioned three options – retirement, organisation or friend. I will not retire; I will strengthen the party, a new… pic.twitter.com/LfQABpo6Lh
— Press Trust of India (@PTI_News) August 21, 2024
मेरे पास 3 विकल्प थे-चंपई
चंपई सोरेन ने कहा कि मैंने तीन विकल्प बताए थे….रिटायरमेंट, नया संगठन या फिर किसी दल में शामिल होना। उन्होंने कहा कि मैं रिटायर नहीं हूंगा अब अपनी नई पार्टी बनाऊंगा और उसको मजबूत करूंगा। इस दौरान यदि कोई नया दोस्त मिलता है तो उसके साथ आगे बढ़ाना है।
आवास पर समर्थकों की लगी थी भारी भीड़
उल्लेखनीय है कि दिल्ली से लौटने के बाद से ही चंपई सोरेन के घर पर उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ रही थी। समर्थकों से बातचीत करने के बाद उन्होंने अपना अलग संगठन खड़ा करने की घोषणा की है। बीते दिनों उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट करके जेएमएम प्रमुख व झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर अपमान करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद झारखंड की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया था।
चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को सीएम पद की ली थी शपथ
खनन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद चंपई सोरेन ने बीती 2 फरवरी को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हालांकि, बाद में इस मामले में हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जिसके बाद चंपई सोरेन को झारखंड के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस दौरान वह करीब 153 दिन झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।
सीएम रहते हुए हुआ अपमान
चंपई सोरेन ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री रहते हुए पार्टी द्वारा उनके सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। जिसके बाद वह आत्ममंथन करने पर विवश हुए। उन्होंने कहा था कि क्योंकि जेएमएम संस्थापक शिबू सोरेन के बाद वह पार्टी के दूसरे सबसे वरिष्ठ नेता थे। शिबू सोरेन का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण अब राजनीति में सक्रिय नहीं है। इसलिए वह किस को अपनी समस्या सुनाते। जिसके चलते उन्हें जेएमएम से अलग होने पर मजबूर होना पड़ा।
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झारखंड आंदोलन में चंपई सोरेन की रही है महत्वपूर्ण भूमिका
झारखंड राज्य के निर्माण के दौरान हुए आंदोलनों में चंपई सोरेन की अहम भूमिका रही। इसी के चलते झारखंड में उन्हें
‘टाइगर ऑफ कोल्हान’ के नाम से भी जाना जाता है। नई पार्टी बनाने की घोषणा करने के बाद चंपई समर्थकों में खुशी की लहर देखी जा रही है।