अलीगढ़: अलीगढ़ के अमरपुर कुंडला गांव में अराजक तत्वों द्वारा प्राचीन पथवारी मंदिर की मूर्ति को खंडित करने की घटना सामने आई है, जिससे गांव में भारी आक्रोश फैल गया। सोमवार रात को हुई इस घटना की जानकारी मंगलवार सुबह ग्रामीणों को मिली, जब वे मंदिर पहुंचे, तो पाया देवी जी की मूर्ति का दायां हाथ तोड़कर मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। घटना की जानकारी मिलते ही दो थानों की पुलिस और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि खंडित मूर्ति की जगह नई मूर्ति स्थापित की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद स्थिति को शांत किया गया।
CCTV फुटेज की जांच और आरोपियों की तलाश
पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और आसपास लगे CCTV फुटेज को खंगालने का काम जारी है। रोरावर थाना इंचार्ज राजेश कुमार ने बताया कि घटना के संबंध में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
गांव में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इससे पहले भी अलीगढ़ के इस क्षेत्र में शरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिशें की गई है। ग्रामीणों ने पुलिस से मांग की है कि गांव में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
एटा में भी हुई ऐसी ही घटना; अराजक तत्वों ने शिवमंदिर में की तोड़-फोड़
दो दिन पहले एटा में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। एटा के दहेलिया पूठ गांव में स्थित 100 वर्ष पुराने शिव मंदिर में रविवार रात अराजक तत्वों ने तोड़-फोड़ कर मंदिर की प्रतिमाओं को खंडित कर दिया और मूर्तियों को बाहर फेंक दिया था। सोमवार सुबह जब मंदिर के पुजारी और भक्त पूजा अर्चना करने पहुंचे, तो मंदिर की यह हालत देख आक्रोशित हो गए। इस घटना के बाद गांव में तनावपूर्ण माहौल बन गया और ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। घटना की सूचना मिलते ही जसरथपुर थाना प्रभारी ओपी सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मंदिर में पूजा अर्चना को पुनः शुरू करवाया और मामले की जांच का आश्वासन दिया।
दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग
ग्राम प्रधान और प्रधान संघ के अध्यक्ष ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर लगभग सौ वर्ष पूर्व स्वामी सत्यदेव महाराज द्वारा स्थापित किया गया था और यह गांव का एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। उन्होंने आरोप लगाया कि अराजक तत्वों ने माहौल खराब करने के उद्देश्य से यह कृत्य किया है। उन्होंने मांग की है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।