बुलंदशहर: बुलंदशहर के प्रधान डाकघर में मंगलवार को CBI की टीम ने 8 घंटे से अधिक समय तक छापेमारी की। छापेमारी के तुरंत बाद डाकघर के अधीक्षक त्रिभुवन प्रताप सिंह ने अलीगढ़ में अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने अपने विभागीय सेवानिवृत कर्मचारी और वर्तमान में तैनात कुछ कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए अलीगढ़ SSP के नाम सुसाइड नोट भी छोड़ा है।
‘कुछ कर्मचारी गलत कार्यों के लिए दबाव बना रहे थे’
सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि कुछ कर्मचारी गलत कार्यों के लिए दबाव बना रहे थे, जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया। CBI ने 2016 से अब तक के सभी कर्मचारियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच की, जो एक सेवानिवृत्त कर्मचारी की शिकायत के बाद शुरू की गई थी। शिकायत में डाकघर के अधिकारियों पर भ्रमण भत्ते के बिल पास न करने और पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था। छापेमारी के दौरान, टीम ने शाखा डाकपाल की नियुक्तियों, भ्रमण भत्ते, गबन, और चार्जशीट से संबंधित फाइलों की भी जांच की।
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बुधवार सुबह 4 बजे तक छापेमारी की
बुलंदशहर के प्रधान डाकघर में CBI की टीम ने बुधवार सुबह 4 बजे तक छापेमारी की, जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों से पूछताछ की गई और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। इस लंबी जांच के बाद, डाक अधीक्षक त्रिभुवन प्रताप सिंह सुबह अपने अलीगढ़ स्थित आवास पहुंचे, जहां उन्होंने सुसाइड नोट छोड़कर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
घटना के बाद डाक विभाग में हड़कंप
CBI की छापेमारी को पहले डाकघर अधिकारियों ने विजिलेंस टीम की नियमित ऑडिट बताया था, लेकिन SSP श्लोक कुमार ने छापेमारी की पुष्टि की। हालांकि, CBI की ओर से जांच को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस घटना के बाद डाक विभाग में हड़कंप मच गया है।