उत्तर प्रदेश को ‘उद्यम प्रदेश’ बनाने और प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के उद्देश्य के लिए योगी सरकार प्रदेश में नए सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना करने जा रही है। प्रदेश में सूक्ष्म उद्यम व स्वरोजगार के नए अवसरों के सृजन व प्रोत्साहन के लिए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना’ को लागू किया जा रहा है। इसके सहारे युवाओं को 10 लाख रुपए तक लोन देने की व्यवस्था की जा रही है।
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प्रतिवर्ष एक लाख युवाओं को मिलेगा बैंकों से ऋण
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर सीएम योगी ने ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना’ की घोषणा की थी। युवाओं को भारत के विकास की धुरी कहा था। उन्होंने कहा था, कि विकसित भारत के निर्माण के लिए युवाओं का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए राज्य सरकार शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान दे रही है। ऐसे में योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष एक लाख युवाओं को बैंकों से ऋण दिलाकर वित्तीय अनुदान दिया जाएगा। जिससे प्रतिवर्ष प्रदेश में एक लाख सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा, कि इस प्रकार अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को सूक्ष्म उद्योगों व स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
इस योजना की घोषणा करते हुए सीएम योगी ने कहा था, कि 10 वर्षों में 10 लाख एमएसएमई इकाइयों को आर्थिक सहायता पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। यह योजना का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। सीएम योगी की मंशानुरूप प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना, संचालन व प्रोत्साहन के लिए एक हजार करोड़ रुपए का बजट अनुमोदित किया गया है।
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इन युवाओं को मिलेगा योजना का लाथ
21 से 40 वर्ष तक के युवाओं को मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना का लाभ मिलेगा। योजना के अंतर्गत न्यूनतम शैक्षिक पात्रता 8वीं पास या समकक्ष रखी गई है। साथ ही कौशल संबंधी सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा व डिग्री धारकों को वरीयता दी जाएगी। सामान्य वर्ग के साथ ही महिला दिव्यांगजन तथा ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग के पुरुष-महिलाओं को उद्यम स्थापित करने पर अनुदान देने का योजना में प्रावधान है। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने मार्जिन मनी पर भी सब्सिडी देने के भी निर्देश दिए हैं। आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन माध्यम से ही प्राप्त कर बैंकों को प्रेषित किया जाएगा।