इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अरबी में इस्लामी आयतें लिखा तिरंगा लेकर चलने वाले छह मुस्लिम व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने इस कृत्य को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान बताते हुए कहा कि यह भारत की एकता और विविधता का प्रतीक तिरंगे के सम्मान के खिलाफ है। जस्टिस विनोद दिवाकर ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसे कृत्यों से साम्प्रदायिक विवाद और गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं, जो देश के लिए हानिकारक हैं। कोर्ट का मानना है कि यह मामला राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत आता है, इसलिए इसे रद्द नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रीय ध्वज को कोई नुकसान पहुंचाया गया ये साबित नहीं हुआ – आरोपी
बता दें उत्तर प्रदेश के जौलान में पुलिस द्वारा पिछले वर्ष दर्ज किए गए मामले में, आरोपी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यवाही रद्द करने की मांग की थी। उसका तर्क था कि जांच के दौरान यह स्पष्ट नहीं हुआ कि झंडा वास्तव में तिरंगा था या तीन रंगों वाला कोई अन्य झंडा। उसने यह भी दावा किया कि पुलिस ने ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया जिससे यह साबित हो कि राष्ट्रीय ध्वज को कोई नुकसान पहुंचाया गया है।
तिरंगे पर अरबी में इस्लामी आयतें लिखी हुई थीं – राज्य सरकार
जिसपर राज्य सरकार ने गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि झंडे पर अरबी में इस्लामी आयतें लिखी हुई थीं, जो कि तिरंगा था। कोर्ट ने यह माना कि आरोपियों के तर्क तथ्यात्मक प्रश्नों पर आधारित हैं, जिनका निर्णय केवल ट्रायल कोर्ट द्वारा किया जा सकता है। इसलिए, हाईकोर्ट ने कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने आपराधिक कार्यवाही रद्द करने से किया इनकार
कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं का फायदा साम्प्रदायिक विवाद पैदा करने या विभिन्न समुदायों के बीच गलतफहमियां बढ़ाने के इच्छुक तत्वों द्वारा उठाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने 6 मुस्लिम लोगों के खिलाफ आपराधिक मामले में कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया।
राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 का उल्लंघन – हाई कोर्ट
जस्टिस विनोद दिवाकर ने आरोपी गुलामुद्दीन व 5 अन्य की याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह कृत्य प्रथमदृष्टया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के समान है तथा राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 का उल्लंघन है। कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्र की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भारत की सामूहिक पहचान और संप्रभुता का प्रतिनिधित्व करने वाला एक एकीकृत प्रतीक है।
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