प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस अवसर केन्द्रीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराने का गौरव प्राप्त किया, जो उन्हें पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री के रूप में एक विशिष्ट पहचान दिलाता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट गए और वहाँ श्रद्धासुमन अर्पित की। इसके बाद उन्होंने लाल किले पहुंच कर गार्ड ऑफ ऑनर का निरिक्षण किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर लालकिला के प्राचीर से तिरंगा फहराया, जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज को गार्ड्स द्वारा सलामी दी गई। भारतीय वायुसेना के दो एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर्स ने इस अवसर पर पुष्पवर्षा की। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र रक्षा और राष्ट्र निर्माण में लगे सभी लोगों—किसानों, जवानों, नौजवानों, माताओं, बहनों, शोषितों, पीड़ितों और वंचितों के योगदान को सराहा और उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि इन सबकी स्वतंत्रता के प्रति निष्ठा और लोकतंत्र के प्रति श्रद्धा पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक है।
आज का दिन अनगिनत भारत माता के सपूतों के स्मरण का – PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिला के प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय के नारे लगाने वाले, अनगिनत भारत माता के सपूतों को स्मरण करने का दिन है। आजादी के दिवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता में सांस लेने का मौका दिया। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश के स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूतों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानियों की वजह से आज हम स्वतंत्रता में सांस ले रहे हैं।
राजनीतिक लाभ से ऊपर उठकर सरकार काम कर रही – PM
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपनी सरकार की पिछले 10 वर्षों की नीतियों और उपलब्धियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने प्राथमिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए काम किया, जिससे वंचित समाज को लाभ पहुंचा। राजनीतिक लाभ से ऊपर उठकर उनकी सरकार ने भविष्य से जुड़े सुधार किए, जिसके परिणामस्वरूप ‘माईबाप’ संस्कृति को बदला गया और सरकार खुद लाभार्थियों तक पहुंची।
PM मोदी ने जनता का आभार व्यक्त किया
तीसरी बार अपनी सरकार को चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जनता का आभार व्यक्त किया और विकसित भारत-2047 के सपने को साकार करने की दिशा में काम करने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि यह केवल भाषण के शब्द नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम और जनता की भागीदारी है।
‘सांप्रदायिक सिविल कोड के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड की ओर जाना होगा’
प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता पर जोर देते हुए कहा कि यह संविधान निर्माताओं का सपना था और इसे पूरा करना आवश्यक है। देश को सांप्रदायिक सिविल कोड के स्थान पर धर्मनिरपेक्ष सिविल कोड की ओर जाना होगा। उन्होंने देशवासियों से जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए काम करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि देश को विभाजनकारी कानूनों से ऊपर उठकर एकता की दिशा में काम करना होगा।
देश में Communal नहीं Secular Civil Code हो… pic.twitter.com/V37zE6ianG
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 15, 2024
बदनीयत ताकतों को नेक नीयत से हराया जाएगा – PM मोदी
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देश के भीतर और बाहर की चुनौतियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कुछ निराशावादी तत्व विनाश के सपने देख रहे हैं, जिन्हें समझना और रोकना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का विकास किसी के लिए संकट नहीं है और बदनीयत ताकतों को नेक नीयत से हराया जाएगा।
माताओं-बहनों के साथ राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो… pic.twitter.com/KWFMO03YZR
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 15, 2024
PM मोदी ने महिला अपराध पर दिया सख्त संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश में महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों को गंभीरता से लेना होगा और इस मुद्दे पर जन सामान्य का आक्रोश जायज है। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों को इस दिशा में कड़ी कार्रवाई करने की अपील की और जोर देकर कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच जल्द से जल्द होनी चाहिए। ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को सख्त सजा दी जाए, ताकि समाज में विश्वास पैदा हो सके।
बांग्लादेश में हिंदू और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में हाल ही में हुई घटनाओं पर भी अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के नाते भारत की चिंता स्वाभाविक है, और वह आशा करते हैं कि बांग्लादेश में हालात जल्द ही सामान्य होंगे। खासकर वहां के हिंदू और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत के 140 करोड़ नागरिकों की चिंता को देखते हुए, उन्होंने बांग्लादेश में स्थिरता और शांति की कामना की। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों की सुख-शांति की कामना करता है और शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता उसके संस्कारों में निहित है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में भारत बांग्लादेश की विकास यात्रा में सहभागी बनेगा, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।