वाराणसी: बांग्लादेश में इस्लामिक आतंक एवं बर्बरता, हिन्दुओं के नरसंहार, महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को लेकर युवाओं में आक्रोश बढ़ रहा है। बुधवार को काशी के हिन्दू के बैनर तले जुटे युवाओं ने रथयात्रा से गुरुबाग, लक्सा होते हुए गोदौलिया चौराहे तक शांति मार्च निकाला। मार्च में शामिल युवाओं ने पूरे राह ऐ भैया तोर जाती कौन- हिन्दू…हिन्दू…, हम है कौन और तुम हो कौन?- हिन्दू…हिन्दू… के नारे लगाए गए।
यात्रा में शामिल युवा दिनेश ने कहा कि हिन्दू सैकड़ों साल से इस्लामिक आतंक एवं बर्बरता का शिकार रहा है। स्वतंत्रता के समय एवं स्वतंत्रता के बाद भी आतंक एवं नरसंहार नहीं थमा। पश्चिमी पाकिस्तान एवं पूर्वी पाकिस्तान में देश की आज़ादी के समय लाखों हिन्दुओं का कत्ले आम किया गया। महिलाओं की अस्मत लूटी गई और छोटे छोटे बच्चों को मौत के घाट उतारा गया।
आजादी के बाद जहां मुस्लिमों को भारत देश में सम्मान एवं अधिकार मिला, उनकी सम्पतियों का वक़्फ़ मिला, कश्मीर में विशेषाधिकार मिला एवं सरकारों का संरक्षण मिला। वहीं, हिन्दू भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश तीनों जगह प्रताड़ना एवं पलायन का शिकार हुआ। कश्मीर, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में हिन्दुओं को नरसंहार एवं अपमान भुगतना पड़ा। इस्लामिक कट्टरपन के शिकार हिन्दुओं का आज न्याय की अपेक्षा करना मुश्किल हो गया है।
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अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू नरसंहार एवं महिलाओं पर अत्याचार भयावह एवं हृदय विदारक हैं। इन घटनाओं ने आजादी एवं कश्मीर के संस्मरणों को सजीव कर दिया है। इन घटनाओं पर मुस्लिम, सेक्युलर एवं वामपंथी नेता एवं समर्थक आज पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार