साल 2005 में उन्नाव में दो युवकों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में जिला न्यायालय ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर अलग-अलग जुर्माना भी लगाया है। बता दें, कि 19 साल तक मुकदमें की सुनवाई चली, इस दौरान 3 आरोपियों में से एक आरोपी की मौत भी हो चुकी है।
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16 जनवरी को की थी हत्या
16 जनवरी 2005 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव की सदर कोतवाली क्षेत्र के कुबेरखेड़ा गांव में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद 17 जनवरी 2005 को मृतक के भाई देशराज ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देकर गांव के ही कालिका पासी एवं चुन्नू सिंह पर अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर भाई हंसराज की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया था। परिजनों ने बताया, कि दोनों के बीच करीब 6 माह पहले पेड़ की लकड़ी काटने को लेकर विवाद हुआ था। मारपीट भी हुई थी। पुलिस ने देशराज की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले की विवेचना के बाद तत्कालीन एसपी त्रिभुवन सिंह ने 23 फरवरी 2005 को न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी।
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दोनों दोषियों पर जुर्माना भी लगा
पुलिस के मुताबिक, मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एससी-एसटी में शुरू हुई। सुनवाई के दौरान मुकदमे के एक आरोपी की मौत हो गई। करीब 19 साल तक चले इस मुकदमे में न्यायालय ने मंगलवार को कालिका और चुन्नू को दोषी करार दिया। दोषी कालिका पर 40000 रुपए और चुन्नू पर 25000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।