लखनऊ। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई लखनऊ मेट्रो भारी घाटे में है। रिपोर्ट के अनुसार, यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1700 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जिसमें लखनऊ मेट्रो का घाटा 1362 करोड़ रुपये और नोएडा मेट्रो का घाटा 385 करोड़ रुपये रहा।
इसके विपरीत, यूपी सरकार की सही नीतियों के कारण आवास विकास विभाग ने 5000 करोड़ रुपये की कमाई कर राज्य के खजाने को मजबूत किया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यूपी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन पर 10,193 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन पर 914 करोड़ रुपये का कर्ज है।
राज्य के अन्य विभागों में भी घाटे की खबरें सामने आई हैं। इलाहाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस 16 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे में है, और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत कई जिले जैसे अलीगढ़, प्रयागराज, मुरादाबाद, कानपुर और लखनऊ घाटे में चल रहे हैं। हालांकि, सहारनपुर स्मार्ट सिटी ने 26 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है।
यूपी सरकार में फायदे वाले विभाग
CAG की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश सरकार के कई विभागों ने भारी मुनाफा कमाया है, जिसमें आवास विकास विभाग ने सबसे अधिक 5000 करोड़ रुपये की कमाई कर राज्य के खजाने को भर दिया है। वन निगम और राजकीय निर्माण निगम भी मुनाफे में रहे, जहां वन निगम ने 1100 करोड़ रुपये और राजकीय निर्माण निगम ने 1000 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।
फायदे वाले अन्य विभागों की सूची:
- यूपी राज्य सेतु निगम: 260 करोड़ रुपये
- बीज विकास निगम: 55 करोड़ रुपये
- श्रीट्रान इंडिया लिमिटेड: 9.22 करोड़ रुपये
- अपट्रान पावरट्रानिक्स: 1.90 करोड़ रुपये
- यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन: 14.15 करोड़ रुपये
- यूपी पूर्व सैनिक कल्याण निगम: 482 करोड़ रुपये
- यूपी पुलिस आवास निगम: 18 करोड़ रुपये
- यूपी निर्यात प्रोत्साहन निगम: 2 करोड़ रुपये
- यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन: 44 करोड़ रुपये
- स्टेट कंस्ट्रक्शन एंड इंफ्रा डेवलपमेंट: 74 करोड़ रुपये
- अल्पसंख्यक वित्त एवं कल्याण निगम: 2.23 करोड़ रुपये
- पिछड़ा वर्ग वित्त व विकास निगम: 5 करोड़ रुपये
- अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम: 114 करोड़ रुपये
- खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम: 51 करोड़ रुपये
- भूमि सुधार निगम: 1 करोड़ रुपये
- महिला कल्याण निगम: 3 करोड़ रुपये
- यूपी डेस्को: 50 करोड़ रुपये
- यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन: 123 करोड़ रुपये
ये आंकड़े दिखाते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों और रणनीतियों के चलते कुछ विभागों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।