Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक खेलों का समापन हो चुका है। इस बार भारत के खाते में कुल 6 मेडल आए हैं। भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट से देशवासियों ने बड़ी उम्मीदें लगा रखी थीं। वह अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर फाइनल में भी पहुंच गई थीं। जिसके बाद सिल्वर मेडल पर उनकी दावेदारी पक्की हो गई थी। हालांकि, फाइनल मैच के दिन उनका वजन 50 किलो से 100 ग्राम अधिक पाया गया। जिसके चलते वह ओलंपिक से अयोग्य घोषित हो गईं। देशवासी फोगाट से गोल्ड मेडल की उम्मीदें लगा रखे थे, लेकिन दुर्भाग्य से डिस्क्वालिफाई होने के चलते सिल्वर मेडल भी चला गया।
हालांकि, अब इस मामले में विनेश फोगाट को न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) से उन्हें कम से कम रजत पदक देने की मांग की है। क्योंकि, सेमीफाइनल में उन्होंने बिल्कुल फेयर तरीके से अपनी प्रतिद्वंद्वी महिला पहलवान को हराया था। इस मामले पर शीघ्र ही CAS का फैसला आ सकता है।
CAS के इस फैसले के चलते बढ़ी आस
दरअसल, CAS ने हाल ही में रोमानियाई टीम के पक्ष में एक बड़ा फैसला सुनाया है। जिससे विनेश फोगाट को भी न्याय मिलने की आस बढ़ गई है। CAS ने अमेरिका की जिमनास्ट जॉर्डन चिल्स को दिया गया कांस्य पदक वापस लौटाने को कहा है। CAS ने यह निर्णय तब लिया है, जब अंतर्राष्ट्रीय जिम्नास्टिक महासंघ (FIG) ने अमेरिका की जिमनास्ट चिल्स के स्कोर में संशोधन किया था। उन्हें 5वें से सीधे तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया गया था। जिसके विरोध में रोमानियाई टीम ने CAS में अपील की थी। जिसके बाद आए निर्णय के अनुसार, अब कास्य पदक अमेरिकी जिमनास्ट जॉर्डन चिल्स से छीन कर, रोमानिया के एथलीट बारबोसु को दिया गया है।
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CAS के इसी निर्णय के बाद विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलने की उम्मीद बढ़ी है। कहा जा रहा है कि उन्होंने तय वजन सीमा में रहकर सेमीफाइनल में अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराया था। जिसके बाद उन्हें कम से कम सिल्वर मेडल तो जरूर दिया जाना चाहिए।