Kanpur News- जिला पूर्ति विभाग के सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। लखपति किसानों द्वारा फ्री में सरकारी राशन लिया जा रहा था। अभी तक पांच हजार किसानों के बारे में जानकारी मिली है। बता दें, कि इन किसानों के पास 5 एकड़ से अधिक सिंचित जमीन है और हर साल यह ढाई से 3 लाख रुपए का अनाज समर्थन मूल्य पर सरकारी केंद्रों में बेचते हैं। विभाग ने इनके राशन कार्ड निरस्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
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30 लाख यूनिटों को दिया जा रहा था राशन
डीएसओ राकेश कुमार ने बताया, कि शहर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है। जिले में संचालित 1385 कोटा की दुकानों से 818904 कार्डों पर 30 लाख यूनिटों को राशन दिया जाता है। एक यूनिट पर 3 किलो चावल, 2 किलो गेहूं दिए जाने का नियम है। पिछले दिनों शासन के निर्देश पर मुफ्त राशन लेने वाले कार्ड धारकों और सरकारी क्रय केंद्रों पर अनाज बेचने वाले किसानों की सूची का मिलान कराया गया था, तो गड़बड़ी सामने आ गई। इन किसानों ने अपनी कृषि योग्य भूमि दो हेक्टेयर से अधिक घोषित कर रखी है। इस कृषि योग्य भूमि में होने वाली उपज को सरकारी केंद्रों को बेचकर खातों में सरकारी समर्थन मूल्य भी इन्होंने लिया है। इसके बाद यह लोग उसका राशन ले रहे थे।
5427 बड़े किसानों की मिली जानकारी
डीएसओ राकेश कुमार ने बताया, कि एनआईसी पोर्टल से राशन कार्ड धारकों और सरकारी केन्द्रों पर अनाज की बिक्री करने वालों की सूची का मिलान करने के बाद जानकारी सामने आई। इसमें बैंक खाता, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड के साथ खतौनी भी लगी होती है। 5427 बड़े किसानों की जानकारी मिली। जिन्होंने 2 लाख से अधिक का धान व गेहूं सरकारी केंद्रों पर बेचा है।
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ऐसे लोगों को नही मिलेगा योजना का लाभ
वहीं, डीएसओ ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में राशन कार्ड धारकों के निष्कासन के नियम तय हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में निष्कासन नियमों के तहत ऐसे परिवार जिनके पास 5 एकड़ से अधिक सिंचित जमीन है या सभी सदस्यों की आय दो लाख सालाना से अधिक है, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।