नई दिल्ली: बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा से सबसे अधिक प्रताड़ित वहां के अल्पसंख्यक हिंदू हुए हैं। बांग्लादेशी कट्टरपंथी हिंदुओं और उनके घरों, मंदिरों व हिंदू महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। हिंदुओं के घरों को जलाया जा रहा है। हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार और उनके साथ छेड़छाड़ की जा रही है। जिससे भयभीत होकर बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग बंगाल और बिहार से सटी बांग्लादेश की सीमा पर डेरा डाले हुए हैं। सभी ने भारत से शरण देने की गुहार लगाई है। हालांकि वैध दस्तावेज ना होने के कारण उन्हें भारत में प्रवेश नहीं मिल पा रहा।
बॉर्डर पर शरणार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए BSF और आर्मी के जवानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। चौबीसों घंटे सीमा पर सघन निगरानी रखी जा रही है। मीडिया रिपोट्स के अनुसार, 400 से अधिक हिंदुओं ने बंगाल के सिलीगुड़ी और बिहार के किशनगंज इलाके से सटी भारत-बांग्लादेश सीमा पर डेरा डाला दिया है। इस सभी ने भारत से शरण देने की गुहार लगाई है। इनका कहना है कि बांग्लादेश में हमारी जान को खतरा है। हमारी औरतों और बहन बेटियों के साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी होने का खतरा बना हुआ है। इसलिए भारत हमें शरण दे।
शरणार्थियों का कहना है कि भारत अगर हमें प्रवेश नहीं देता तो हम वापस लौटकर बांग्लादेश नहीं जाएंगे। हालांकि इन सभी के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है। इसलिए बीएसएफ जवान इन लोगों पर नजर बनाए हुए हैं।
मीडिया रिपोट्स के अनुसार, बांग्लादेश के जो हिंदू परिवार भारत से शरण मांग रहे हैं वह नॉर्थ बंगाल से लगते बांग्लादेश सीमा पर रुके हुए हैं। इनमें बच्चे, महिलाएं और पुरुष हैं। कहा जा रहा है कि इस बात पर लगातार बातचीत चल रही है कि क्या बिना वैद्य दस्तावेजों को उन्हें भारत में शरण दी जाए।