नई दिल्ली: बांग्लादेश मामले को लेकर संसद में कई सदस्यों ने सरकार के जवाब की मांग की थी। जिसके बाद विदेश मंत्री विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश संबंध कई दशकों से असाधारण रूप से घनिष्ठ रहे हैं। हालांकि हिंसा को लेकर चिंताएं सभी राजनीतिक दलों में हैं। जनवरी 2024 में चुनाव के बाद से बांग्लादेश की राजनीति में तनाव, गहरे मतभेद और ध्रुवीकरण बढ़ता रहा, जिससे जून में शुरू हुआ छात्र आंदोलन और भी गंभीर हो गया है।
शेख हसीना ने भारत आने की मांगी थी अनुमति
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आनन-फानन में हमसे भारत आने का अनुरोध किया था। जिस पर भारत सरकार ने उनके सुरक्षित भारत आने की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में अपने नागरिकों के संपर्क में है। इस समय वहां करीब 19 हजार भारतीय मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ढाका के भारतीय उच्चायुक्त और चिटगांव के सहउच्चायुक्त हमें लगातार रिपोर्ट भेज रहे हैं। हम बांग्लादेश में अल्पंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बीते 24 घंटे के दौरान वहां काफी कुछ बदल गया है। यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। हम सदन से इस मसले पर सहयोग चाहते हैं।
हम बांग्लादेश की सभी राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में हैं- विदेश मंत्री एस जयशंकर
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हमारे बहुत करीब है। जनवरी से ही वहां तनाव है। बांग्लादेश में हिंसा जून जुलाई में हु़ई। हम वहां की राजनीतिक पार्टियों के संपर्क में थे। सुप्रीम कोर्ट के 21 जुलाई के आदेश के बाद बांग्लादेश में हालात इतनी तेजी से बदले की शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा। 4 अगस्त को सबसे ज्यादा हालात बिगड़े। बांग्लादेश में शासन से जुड़े व्यक्तियों की संपत्तियों को आग लगा दी गई। विशेष रूप से चिंताजनक बात यह है कि अल्पसंख्यकों, व्यवसायों और मंदिरों पर भी कई स्थानों पर हमला हुआ। इसकी पूरी स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।
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विदेश मंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा वहां अल्पसंख्यकों पर हमले चिंता के विषय हैं। शेख हसीना फिलहाल के लिए भारत में हैं। हम बांग्लादेश में मौजूद भारतीय समुदाय के संपर्क में है। कई छात्र लौट आए हैं। हमारा उच्चायोग सक्रिय है। आशा है वहां की सरकार हमारे नागरिकों को सुरक्षा मुहैया करवाएगी।