नई दिल्ली: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां रहने वाले हिंदूओं को कट्टरपंथी निशाना बना रहे हैं। कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू तीर्थ स्थलों को तोड़ा जा रहा है। हिंदूओं और सिखों के घर में घुसकर उनको मारा जा रहा है। इस पर विश्व हिंदू परिषद ने प्रेस वार्ता कर चिंता व्यक्त की है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आज मंगलवार को कहा कि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक विचित्र अनिश्चितता, हिंसा और अराजकता बनी हुई है। शेख हसीना सरकार के त्याग पत्र देने के बाद अंतरिम सरकार के गठन की प्रकिया चल रही है। ऐसे में हम लोग बांग्लादेश के समस्त समाज के साथ एक अच्छे मित्र की भांति खड़े हैं।
उन्होंने बांग्लादेश में पिछले कुछ समय में हिन्दू, सिख व अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को नुकसान पहुंचाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सोमवार रात बांग्लादेश के अकेले पंचगढ़ जिले में 22 घर, झीनैदाह में 20, जैसोर में 22 दुकानों को बांग्लादेश के कट्टरपंथियों ने तोड़ डाला। हिंदू मंदिरों, गुरुद्वारों, श्मशान घाटों को क्षति पहुंचाई गई। यह स्थिति पूरे बांग्लादेश में बनी हुई है। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश में घटती हिंदूओं को संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बांग्लादेश में जहां कभी 32% हिंदू थे, आज वहां 8 प्रतिशत से भी कम हिंदू बचे हैं। वहां अल्पसंख्यक हिंदू और सिख जिहादी उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं।
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आलोक कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के मकान, दुकान, ऑफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान,महिलाएं, बच्चे, मंदिर, गुरुद्वारे सुरक्षित नहीं हैं। वहां अल्पसंख्यकों की हालत बेहद खराब है। इस स्थिति में विश्व समुदाय का दायित्व है कि वहां के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और उनके मानवाधिकारों के प्रति प्रभावी कार्यवाही हो।
उन्होंने भारत सरकार से मांग करते हुए कहा कि भारत की परंपरा रही है कि विश्व के सभी पीड़ित समाजों की मदद की है। ऐसे में विश्व हिंदू परिषद भारत सरकार से आग्रह करता है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाए। साथ ही वहां हिंसा को देखते हुए भारत-बांग्लादेश की सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। ताकि सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम किया जा सके।