Lucknow News- 13 जनवरी से शुरू हो रहे प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों को लेकर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा 5 एकड़ भूमि पर संस्कृति ग्राम का निर्माण कराया जाएगा। यहां 45 दिन तक एक्जिबिशन समेत विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन होंगे। आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहलुओं को भी दर्शाया जाएगा। 30 भव्य कॉन्सेप्च्युलाइज्ड गेट का निर्माण भी किया जाएगा। जोकि त्रिशूल, स्वास्तिक, कल्पवृक्ष, डमरू समेत विभिन्न आध्यात्मिक थीमों पर आधारित होगा। यहां पर वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिषीय शास्त्रों को उल्लेखित किया जाएगा।
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वेद, पुराण और चरक संहिता को उल्लेखित किया जाएगा
संस्कृति ग्राम में महाराजा हर्षवर्धन द्वारा कुंभ आयोजन के लिए दिए गए दान, एआर माध्यम से सभी स्थलों की विशेषता, उनके हिस्टोरिकल व कल्चरल कॉन्टेक्स्ट आदि को आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा। यहां पर वेद, पुराण और चरक संहिता व प्राचीन ज्योतिषीय शास्त्रों को उल्लेखित किया जाएगा। इस दौरान भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों का भी जिक्र होगा। वहीं, मेन स्टेज पर क्लासिकल व फोक डांस व म्यूजिक की प्रतिदिन विशिष्ट प्रस्तुतियां होंगी।
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25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
कुंभ मेले को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के तौर पर चिह्नित किया गया है। ऐसे में यहां दुनिया के 75 देशों से 25 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है। यही मुख्य वजह है, कि कुंभ मेला को भव्य बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। संस्कृति ग्राम में 20 स्टॉल्स की एग्जिबिशन लगेगी, जिसमें स्थानीय हस्तकला व शिल्प को तरजीह दी जाएगी। वहीं, संस्कृति ग्राम को ऑग्युमेंटेड रिएलिटी व वर्चुअल रिएलिटी का हब भी बनाया जाएगा। बता दें, कि संस्कृति ग्राम विभिन्न जोन में बंटा होगा, जिसमें एंशियंट हेरिटेज व माइथोलॉजी, हिस्टोरिकल ट्रैवलर्स के विभिन्न आलेख, एस्ट्रोलॉजिकल साइंस, परफॉर्मिंग आर्ट्स व इंटेरैक्टिव वर्कशॉप एरिया मुख्य होंगे।