Varanasi News- सावन का पावन महीना चल रहा है। शिवभक्त अपने आराध्य शिव का जलाभिषेक करने के लिए पैदल कांवड यात्रा पर हैं। ऐसे में पर्यावरण की सुरक्षा के लिए वाराणसी में संदेश देकर अभियान चलाया जा रहा है। बता दें, कि सावन की शिवरात्रि पर नमामि गंगे के सदस्यों ने श्री काशी विश्वनाथ धाम में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई। श्रद्धालुओं को संदेश दिया कि स्वस्थ भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नागरिकों को स्वच्छता का संकल्प लेना होगा। स्वच्छता को जीवन-शैली का हिस्सा बनाना चाहिए। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को कपड़े का झोला वितरित किया गया।
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पर्यावरण हमारी अमूल्य निधि
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती तख्तियों के माध्यम से संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया, कि पर्यावरण हमारी अमूल्य निधि है। यदि हम जागरुक होंगे तभी पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले हानिकारक तत्वों से इसको दूर रखेंगे। उन्होंने कहा, कि जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग से बे-मौसम वर्षा और बाढ़ आदि की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पर्यावरण संरक्षण से पुरुष और प्रकृति की समानता से संसार में संतुलन होता है।
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शिव पुरुष के प्रतीक हैं, तो मां पार्वती प्रकृति की
पुरुष और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित होने से ही सृष्टि सुचारु रूप से चल पाती है। शिव और शक्ति के प्रतीक शिवलिंग का यही मन्तव्य है। शिव पुरुष के प्रतीक हैं, तो मां पार्वती प्रकृति की। पुरुष और प्रकृति के बीच यदि संतुलन न हो, तो सृष्टि का कोई भी कार्य भली-भांति संपन्न नहीं हो सकता है। शिवलिंग के माध्यम से भगवान शिव जी पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।