नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की जांच के लिए SIT के गठन वाली याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में राजनैतिक दलों को कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा कथित तौर पर इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में दी गई रिश्वत की जांच के लिए SIT की मांग की गई थी। एनजीओ कॉमन कॉज व अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि इलेक्टरोल बांड के जरिए दिए गए चुनावी चंदे में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है। इस घोटाले की कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की जरूरत है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने 4 याचिकाओं पर विचार किया। जिसके बाद बेंच ने बॉन्ड स्कीम की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम बनाने की मांग को सही नहीं माना है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि निजी शिकायतों का मतलब किसी राजनीतिक दल और कॉरपोरेट संस्था के बीच एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने के अलग-अलग दावों की जांच नहीं हो सकती है। ये बॉन्ड अब प्रतिबंधित हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी हस्तक्षेप करना अनुचित और समय पूर्व आदेश होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह चुनावी बॉन्ड की खरीद की जांच सिर्फ इस धारणा पर नहीं कर सकता कि यह किसी अनुबंध के लिए लेन-देन था।