Lucknow News- उत्तर प्रदेश में नजूल संपत्ति विधेयक को लेकर योगी सरकार को भारी विरोध झेलना पड़ रहा है। इस मामले में सत्ता पक्ष के विधायक के बाद पार्टी के सहयोगी दलों ने भी विरोध करना शुरु कर दिया है। बता दें, कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर विरोध जताया है। बता दें, कि इससे पहले भी अनुप्रिया पटेल द्वारा योगी सरकार को ओबीसी आरक्षण, टोल प्लाजा और 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर भी पत्र लिख चुकी हैं।
यह भी पढ़ें- विधान परिषद में अटका नजूल संपत्ति विधेयक, जानिए क्या रही वजह?
योगी सरकार उत्तर प्रदेश में नजूल संपत्ति विधेयक लाने की तैयारियां कर रही है, जिसके बाद से विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इस विधेयक का विरोध किया गया। वहीं, अब इस विधेयक का विरोध योगी सरकार के विधायकों के साथ उनके सहयोगी दलों ने भी करना शुरु कर दिया है। अपना दल एस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा, कि इसको तुरंत वापस लिया जाए। अनुप्रिया पटेल ने एक्स पर लिखा कि, नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को भेज दिया गया है। व्यापक विमर्श के बिना लाए गए नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है, कि यह विधेयक न सिर्फ गैर जरुरी है, बल्कि आमजन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है।
यह भी पढ़ें- विरोध के बीच विधानसभा में नजूल संपत्ति विधेयक पारित, राजा भैया और BJP के कई विधायकों ने सरकार को दिए यह सुझाव
उन्होंने कहा, कि उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए। इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होनी चाहिए। बता दे, कि इस विधेयक के विरोध में सिर्फ सपा बल्कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने भी बुधवार को विधानसभा में विरोध किया था। बीजेपी विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और हर्षवर्धन ने भी इस मुद्दे पर विरोध किया था। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी इसको संतुष्टिपरक नहीं बताया।