लखनऊ: उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबन्ध और उपयोग) विधेयक 2024 विधान परिषद में पास नहीं हो पाया। जबकि, बुधवार को यह बिल यूपी विधानसभा में पास हो गया था। जिसके बाद भाजपा के कुछ विधायकों ने सीएम योगी से मुलाकात की थी। तभी से माना जा रहा था कि इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जा सकता है।
गुरुवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति अधिनियम को विधान परिषद में पेश किया। जिसके बाद यूपी भाजपा अध्यक्ष व एमएलली भूपेंद्र चौधरी ने इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया। विधान परिषद सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित कराया।
दरअलस, यूपी विधान परिषद में कुल 100 सदस्य हैं। जिसमें से वर्तमान में 79 MLC भाजपा के हैं। इसके बाद भी यह विधेयक विधानसभा में पास नहीं हो सका। इसके पीछे की वजह भाजपा विधायकों की विधेयक को लेकर नाराजगी थी। कुछ भाजपा विधायकों ने बिल को रोकने के लिए सीएम योगी से भी मुलाकात की थी।
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चूंकि, विधानसभा में बिल पास होने के बाद उसे रोका नहीं जा सकता। इसलिए विधान परिषद में विधेयक को पेश करने के दौरान भाजपा MLC भूपेंद्र चौधरी ने विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि प्रवर समिति इस विधेयक को लेकर 2 महीनों के भीतर अपना प्रतिवेदन दे।