आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को राज्य की पूर्ववर्ती सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि YSRCP सरकार के दौरान शराब को लेकर बनाई गई नीतियों से पिछले 5 सालों में राज्य को 18,860 करोड़ का नुकसान हुआ है। पिछली सरकार में निजी लाभ को ध्यान में रखकर ऐसी नीतियों को बनाया गया। जिसकी जांच की जिम्मेदारी सीबी-सीआईडी को सौंपी गई है।
बुधवार को सीएम चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा कि बीते 5 सालों में पड़ोसी राज्य तेलंगाना की अपेक्षा हमारे राज्य में शराब से होने वाली आय में ₹42,762 करोड़ का अंतर देखा गया है। उन्होंने अनियमितता होने की आशंका जाहिर करते हुए कहा कि YSRCP सरकार ने धीरे-धीरे शराब बिक्री को कम करते हुए शराबबंदी का वादा किया था। लेकिन, इस वादे के पीछे कोई प्रतिबद्धता नहीं थी। साथ ही इसका उद्देश्य भी अलग था। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और तेलंगाना की अपेक्षा आंध्र प्रदेश को 2019-24 तक कम राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने विधानसभा में कहा कि जगनमोहन सरकार ने व्यक्तिगत लाभ के लिए जोड़-तोड़ की नीतियां लागू कीं। जिसके चलते शराब का अवैध कारोबार भी बढ़ा। उन्होंने कहा बीते 5 सालों में राज्य में 1.78 करोड़ लीटर अवैध शराब जब्त की गई। अवैध शराब के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। साथ ही अपराध में वृद्धि हुई। सीएम नायडू ने कहा कि हमारी सरकार एक्साइज डिपार्टमेंट का पुनर्गठन करेगी।
जिससे पारदर्शी शराब खरीद नीति, बार और खुदरा लाइसेंस वितरण के मामलों में संशोधन किया जाएगा। साथ ही शराब मूल्य का निर्धारण किया जाएगा। वहीं, उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में शराब को लेकर बरती गई अनियमितताओं की जांच कराई जाएगी। जिसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी जांच सौंपी जा सकती है।