लखनऊ सीबीआई (Central Bureau of Investigation) कोर्ट ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के तत्कालीन संयुक्त सचिव आर एन सिंह के साथ महेंद्र सिंह सेंगर, दिवाकर सिंह को 3-3 साल की सजा सुनाई है, जबकि लिपिक राज नारायण द्विवेदी को 4 साल की सजा सुनाई गई है। इन सभी आरोपियों पर 1.25 लाख रुपयों का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें, कि मामला जानकीपुरम में प्लॉट आवंटन घोटाले से संबंधित है। इस मामले में 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है। एक आरोपी को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
यह भी पढ़ें- RO-ARO पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी समेत 23 पर लगा गैंगस्टर एक्ट, अर्जित संपत्ति को सरकारी कब्जे में लेने की तैयारी
123 प्लॉटों का हुआ था घोटाला
मामला लखनऊ के जानकीपुरम में प्लॉट आवंटन से संबंधित है। साल 1987 से 1999 के बीच 123 प्लॉटों को लेकर घोटाला हुआ था। इस घोटाले में 7 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन सभी पर आरोप लगाया गया था, कि एलडीए की जानकीपुरम योजना के अंतर्गत 123 भूखंडों को संयुक्त सचिव और उप सचिव स्तर के विभिन्न अधिकारियों द्वारा एलडीए के तत्कालीन प्रधान लिपिकों व अन्य लिपिकों की मिलीभगत से उन लोगों को आवंटित किया गया था, जिन्होंने पंजीकरण फॉर्म नहीं भरे थे। इसके अलावा आवंटन एवं वितरण के लिए अपेक्षित रकम भी जमा नहीं की थी।
यह भी पढ़ें- ईडी कार्यालय पहुंचे यूट्यूबर एल्विश यादव, मनी लांड्रिंग और सांपों के जहर सप्लाई से जुड़ा है मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपा था मामला
जानकीपुरम में प्लॉटों के घोटाले को लेकर जांच की गई थी। जिसके बाद 6 फरवरी 2010 को सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ पीठ ने 21 फरवरी 2006 को सीबीआई (Central Bureau of Investigation) को जांच सौंपी थी। कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने 28 फरवरी 2006 को , संयुक्त सचिव आर एन सिंह एवं अन्यों सहित सात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।