Azamgarh News– जन प्रतिनिधियों की शिकायतों का समाधान न होने से नाराज सीएम योगी आदित्यानाथ ने जिलाधिकारी और संबंधित अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। बता दें, कि यूपी के आजमगढ़ जनपद में सीएम योगी पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पुलिस लाइन पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के साथ मंडलीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक में मऊ और बलिया के अधिकारी ऑनलाइन जुड़े थे।
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तहसील और पुलिस थानों पर नही होती पीड़ितों की सुनवाई
बताते चलें, कि अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किए जाने से नाराज भाजपा के एमएलसी राम सूरत राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कुछ मामलों से अवगत कराया। उन्होंने सीएम से कहा, कि छोटे-छोटे मामले भी तहसील और थाने पर सुने नही जा रहे हैं। जब इसकी शिकायत हम उच्च अधिकारियों से करते हैं, तो वहां भी कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने कहा, कि उच्च अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। उच्च न्यायालय के निर्देशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और सख्त निर्देश दिए हैं।
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पूर्व सांसद नीलम सोनकर को बैठक में आने से रोका, किया वापस
एमएलसी राम सूरत राजभर ने बताया, कि बैठक की सूची में जिन जनप्रतिनिधियों का नाम नही था, उनको बैठक में प्रवेश नही दिया गया। उन्होंने बताया, कि भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नीलम सोनकर का नाम भी सूची में नहीं था, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने वापस कर दिया गया। इसी तरह निरहुआ का भी नाम भी सूची में शामिल नहीं किया गया। उनको भी वापस भेजा गया। इस बैठक में नगर विकास मंत्री ए के शर्मा, मंत्री दारा सिंह चौहान, मंत्री दानिश अंसारी, एमएलसी विजय बहादुर पाठक, एमएलसी रामसूरत राजभर, पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल रहे। जिनमें से मंडल आयुक्त मनीष चौहान, डीआईजी वैभव कृष्ण, डीएम विशाल भारद्वाज, एसपी हेमराज मीणा आदि रहे।