Lucknow News- उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष का चुनाव हो गया है। एमएलसी लाल बिहारी यादव को उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। बताते चले, कि लाल बिहारी यादव आजमगढ़ जिले से ताल्लुक रखते हैं और माध्यमिक शिक्षकों से जुड़ी मांगों को जोर-शोर से उठाते रहे हैं।
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2004 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का किया था गठन
उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर चर्चाओं पर आखिरी मोहर लग गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एमएलसी लाल बिहारी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। लाल बिहारी यादव शिक्षकों से जुड़े पर मुद्दे पर लंबे समय से संघर्ष करते चले आ रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी से वाराणसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी, जिसके बाद वो विधान परिषद सदस्य बने थे। उन्होंने वित्त विहीन शिक्षकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए 2004 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ का गठन किया था।
छोटे किसान परिवार में हुआ था जन्म
बता दें, कि छोटे किसान परिवार से आने वाले लाल बिहारी यादव का जन्म 1 जुलाई 1960 में आजमगढ़ जिले के विशुनपुर गांव में हुआ था। वर्तमान में वो आजमगढ़ के राधा कृष्ण इण्टर कॉलेज खरिहानी में प्रिंसिपल हैं। उनमें राजनीतिक गुण किशोरावस्था से ही दिखने लगे थे। एमए, बीएड और एलएलबी के साथ उन्होंने कुछ वक्त तक वकालत भी की है।
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सरकारी शिक्षकों के रिटायरमेंट उम्र 65 करने की मांग
लाल बिहारी यादव का कहना है, कि वो माध्यमिक वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए सेवा नियमावली को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं और पुरानी पेंशन योजना लागू करने के भी प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा, कि सरकारी शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है, उनकी मांग है, कि इसको बढ़ाकर 65 साल की जाए। इसके अलावा एलटी और सीटी शिक्षकों के वेतन की विसंगतियां दूर करना और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति को उचित बनाने की मांग भी इसमें शामिल है।