उत्तर प्रदेश के औरैया में एक ऐसा शिवालय जो आज भी रहस्य का केंद्र बना हुआ है। यमुना नदी के किनारे स्थित इस शिवालय को देवकली मन्दिर के नाम से जाना जाता है। यहां दूर दराज से श्रद्धालु पूजन-अर्चन, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक के एवं कांवर चढ़ाने के लिए आते हैं। इस स्थान की ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त देवकली मन्दिर आकर भक्ति भाव से पूजन-अर्चन कर भगवान भोलेनाथ से मनोकामना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। मंदिर के कुछ अनसुलझे रहस्य भी हैं। इनमें से सबसे खास रहस्य शिवलिंग का आकार बढ़ने का बताया जाता है। वहीं इस मंदिर के रहस्य की बात करें तो यह मंदिर अपने साथ में कई अनसुलझी पहेलियों को अपने आप में समेटे हुए है।
मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं लेकिन इनमें शिवलिंग के आकार बढ़ने वाला रहस्य सबसे अलग है। मंदिर के इस अनसुलझे रहस्य का राज आज भी एक राज बना हुआ है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग जो प्रति वर्ष ‘जौ’ के बराबर बढ़ता है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं के द्वारा मंदिर पर चढ़ने वाला लाखों लीटर जलाभिषेक का जल कहां चला जाता है इसका अभी तक पता नहीं लगाया जा सका है। श्रावण मास में यहां विराजमान भगवान शिव की शिवलिंग की श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना करने से भक्तों को सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्रावण मास के प्रथम सोमवार को देवकली मंदिर का नजरा कुछ अलग दिखाई दे रहा है।
यमुना के किनारे स्थित देवकली मन्दिर पर शिव भक्तों की भारी भीड़ देर रात्रि से ही पहुंच गई। सोमवार सुबह 4 बजे से पहले ही मंदिर के बाहर शिवभक्तों की लंबी कतार देखने को मिली। जैसे ही सुबह मन्दिर के कपाट खुले तो पूरा परिसर ‘बम-बम भोले, हर-हर महादेव’ के जयकारों से गूंज उठा।
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