Varanasi News- काशी में ऐतिहासिक विरासतों एवं विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए एक नया घाट बनाया जा रहा है, जिसका नाम सामने घाट रखा जाएगा। इस घाट पर पर्यटकों की सुविधा के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं की जाएंगी और गंगा नदी का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलेगा। घाट के निर्माण के लिए चुनार के पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है।
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1055.43 लाख रुपए की लागत हो रहा पुनर्विकास कार्य
काशी नगरी को घाटों का शहर कहा जाता है। देश-विदेश से पर्यटक घाटों का दीदार करने के लिए आते हैं। ऐसे में यहां के लोगों को एक नए घाट की सौगात मिलने जा रही है। जो रिवर फ्रंट के रूप में होगी। यहां पर पर्यटन विभाग पक्का घाट बनवा रहा है। पर्यटन उप निदेशक राजेंद्र रावत के अनुसार 1055.43 लाख की लागत से इसका पुनर्विकास कार्य कराया जा रहा है। इसकी लंबाई 110 मीटर होगी। आरती और पूजा के लिए प्लेटफार्म, चुनार स्टोन की छतरी, चेंजिंग रूम, हाईमास्ट लाइट, स्ट्रीट लाइट, साइनेज, पीने का पानी, पाथवे, पार्किंग, दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए रैंप हॉर्टिकल्चर की व्यवस्था होगी।
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चुनार के पत्थरों का प्रयोग
राजेंद्र रावत ने बताया, कि यहां के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखते हुए काशी के घाटों के निर्माण में चुनार के पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा। श्रृद्धालुओं को यहां पर गंगा स्नान करने व धार्मिक आयोजनों के अवसर पर कई तरह की सुविधाएं दी जाएंगी। वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी कराने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। बताते चलें, कि 2023 में साढ़े पांच करोड़ से अधिक पर्यटक काशी आए थे। इस साल लगभग 3 करोड़ यात्रियों के आने की संभावना है। पर्यटकों के बढ़ती संख्या को देखते हुए पर्यटन स्थान और सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है।