उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर ‘अखिल भारतीय संत समिति’ ने सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश की सराहना की है। तो वहीं विपक्ष की कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ेगा। संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद ने कहा कि आखिर इस बात का अलग-अलग राजनीतिक दल और मुस्लिम समाज विरोध क्यों कर रहे हैं। कल तक आप हलाल प्रोडक्ट बेचते थे तो हमने कोई प्रश्न नहीं उठाए। हलाल सर्टिफाइड आप हिंदुओं से करवाने लगे। आज आप अपनी पहचान छुपाकर व्यापार क्यों करना चाहते हैं।
हमने तो नहीं कहा, लेकिन महाराष्ट्र में जिस तरह ईद पर सिर्फ मुस्लिम व्यापारियों की दुकानों से सामान खरीदने की बातें सामने आईं, उस पर किसी ने कोई प्रश्न नहीं उठाया। मेरा मानना है कि ये जो हलाल सर्टिफाइड गैंग के लोग है, इसका असल चेहरा सबसे सामने आना ही चाहिए। वहीं इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस के वाराणसी महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि दुकानों और ढाबों पर नाम लिखवाना सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास है। दुकानों और ढाबों पर मालिकों और काम करने वालों का नाम लिखवाने की बात निश्चित रूप से हिटलर शाही फरमान है।
मुख्यमंत्री को अपने फैसले की समीक्षा कर आदेश को तत्काल वापस लेना चाहिए। योगी सरकार के फैसले के अनुसार कांवड़ मार्गों पर स्थित खाने-पीने की दुकानों पर संचालकों एवं दुकानदारों का नाम और पहचान लिखना होगा। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
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