नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के एक दलित कर्मचारी राम निवास सिंह ने विश्वविद्यालय के 3 अधिकारियों पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही जाति-सूचक गाली देने का आरोप भी लगा है। इस मामले में जामिया नगर पुलिस थाने में मुकदमा लिखा जा चुका है।
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बताते चलें, कि दलित कर्मचारी राम निवास सिंह ने रजिस्ट्रार प्रोफेसर नाज़िम हुसैन अल-जाफ़री, डिप्टी रजिस्ट्रार एम नसीम हैदर और प्रोफेसर शाहिद तसलीम पर धर्म परिवर्तन के लिए अनुचित दबाव डालने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही जाति-सूचक गालियां देने और अमानवीय व्यवहार करने के मामले में भी शिकायत की है। पीड़ित की तहरीर पर 15 जुलाई को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जामिया नगर पुलिस स्टेशन में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक राम निवास सिंह ने विश्वविद्यालय में उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत की है।
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पुलिस को दी गई तहरीर के आधार पर उन्हें लगातार जाति-सूचक और मौखिक दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है। इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला गया। रजिस्ट्रार प्रोफेसर नाज़िम हुसैन अल-जाफ़री ने वादा किया था, कि धर्म परिवर्तन करने से उनको विश्वविद्यालय में होने वाली दुर्व्यवहार और समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, इस मामले को विश्वविघायल ने निराधार बताया है।
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जानकारी के अनुसार, राम निवास सिंह अनुसूचित जाति वर्ग से हैं और 30 मार्च 2007 से विश्वविद्यालय में अपर डिवीजन क्लर्क के रूप में काम कर रहे हैं। वर्तमान समय में वह विश्वविद्यालय में प्राकृतिक विज्ञान संकाय में सहायक के रूप में कार्य कर रहे हैं। पुलिस का कहना है, कि मामले की जांच की जा रही है। जांच होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।