Agra News- न्याय का झांसा देकर एक महिला के साथ शारीरिक शोषण करने वाले मैनपुरी निवासी पुलिसकर्मी विमलेश यादव को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है। सोमवार को हुई सुनवाई में सिपाही को दुष्कर्म और अपहरण की धमकी के आरोप में दोषी ठहराया गया। कोर्ट ने उस पर 20 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।
यह भी पढ़ें- मथुरा- राधा रानी मंदिर में विवाह का वीडियो वायरल होने पर भक्त हुए नाराज, मंदिर समिति ने जारी किए ये निर्देश
आपको बता दें कि मैनपुरी की रहने वाली पीड़िता ने 2007 में भूपेश नामक व्यक्ति से प्रेम विवाह किया था। पति के साथ विवाद होने पर उसने भूपेश के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था। इस मामले की जानकारी विमलेश यादव को थी, जो पीड़िता के गांव शहजादपुर में रहता था। उसने महिला को न्याय दिलाने का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब वह गर्भवती हो गई, तो विमलेश ने गर्भपात कराने का दबाव बनाया और शिकायत करने पर अपहरण की धमकियां दीं।
यह भी पढ़ें- यूपी के सरकारी शिक्षकों को फिलहाल राहत, विरोध के बाद डिजिटल अटेंडेंस दो महीने के लिए स्थगित
पीड़िता की शिकायत पर महिला थाने में विमलेश यादव के खिलाफ दुष्कर्म, गर्भपात कराने और अपहरण की धमकी के आरोप में केस दर्ज किया गया था। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी संतोष भाटी ने पीड़िता और तत्कालीन थानाध्यक्ष अलका ठाकुर समेत 5 गवाहों को अदालत में पेश किया। एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट मदन मोहन ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं गवाहियों के आधार पर पुलिसकर्मी को दोषी ठहराया। कोर्ट ने पुलिसकर्मी विमलेश यादव को 7 वर्ष कैद और 20,000 रुपए का अर्थदंड सुनाया। इस फैसले से पीड़िता को न्याय मिलने के साथ समाज में यह संदेश गया है कि कानून का दुरुपयोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।