उत्तर प्रदेश में शिक्षकों से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। शिक्षकों के काफी विरोध के बाद फिलहाल दो महीने के लिए सरकारी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस स्थगित कर दी गई है। इस नियम को सरकार ने दो महीने के लिए होल्ड पर रख दिया है।
डिजिटल अटेंडेंस को लेकर मंगलवार को शिक्षक संघ ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मुलाकात की। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा है कि एक कमेटी बनाकर समस्या का निस्तारण किया जाएगा। फिलहाल दो माह के लिए इसे होल्ड पर कर दिया गया है।
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अगले दो महीनों में किया जाएगा विचार-विमर्श
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले के खिलाफ सरकारी शिक्षक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसमें डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम को अनिवार्य कर दिया गया था। इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें फैसला लिया गया है कि एक विशेषज्ञ समिति बनाई जाएगी, जो अगले दो महीनों में शिक्षकों के मुद्दों पर विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति तय करेगी।
क्यों विरोध कर रहे हैं शिक्षक ?
यूपी के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के हजारों शिक्षकों के विरोध के जवाब में बेसिक शिक्षा विभाग ने 30 मिनट के ग्रेस पीरियड का आश्वासन दिया था और कहा था कि शिक्षकों को केवल देरी का कारण बताना होगा। हालांकि, इससे शिक्षकों की चिंता पूरी तरह से दूर नहीं हुई थीं और उन्होंने अपना विरोध जारी रखा था।
शिक्षकों का तर्क था कि दूरदराज के गांवों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना मुश्किल हो जाता है। बरसात के मौसम में, कई स्कूलों में पानी भर जाता है, जिससे समय पर उपस्थिति दर्ज कराना और भी मुश्किल हो जाता है। शिक्षकों को डर था कि इन समस्याओं के कारण देरी से पहुंचने पर उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा और उनकी छुट्टियां काट ली जाएंगी।