इस्लामाबाद: पाकिस्तान सरकार के फैसले से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, पाकिस्तान की शहबाज़ शरीफ़ सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI) पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने सोमवार को दी। पाकिस्तान सरकार द्वारा यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है। जब कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में आरक्षित सीटों के हिस्से के लिए योग्य घोषित कर दिया था। फिलहाल इमरान खान अभी जेल में बंद हैं।
पाकिस्तानी मंत्री तरार ने कहा कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि पिछले साल हुए प्रदर्शन में लोगों को उकसाने और जानकारी लीक करने सहित तमाम गतिविधियों में पीटीआई शामिल रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले को हम सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। साथ ही पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा कि सरकार इमरान खान और पार्टी के दो अन्य वरिष्ठ नेताओं-पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और नेशनल असेंबली के पूर्व उपाध्यक्ष कासिम सूरी के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाने के साथ-साथ, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा अपील दायर करने की योजना बना रही है।
वहीं, PTI के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता सैयद जुल्फिकार बुखारी ने कहा कि सरकार अदालतों को धमका नहीं सकती, उन्हें दबाव में नहीं डाल सकती है। साथ ही न्यायाधीशों को ब्लैकमेल नहीं किया जा सकता। सरकार पर आरोप लगाते हुए PTIनेता ने कहा कि उन्होंने कैबिनेट के माध्यम से यह कदम उठाने का फैसला किया है। हमें रोकने के उनके सभी प्रयासों को अदालतों ने अवैध घोषित कर दिया है। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई को एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दी और पुष्टि की कि चुनाव चिह्न नहीं होने से उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के उसके कानूनी अधिकारों पर असर नहीं पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि कोर्ट का यह निर्णय पीटीआई को फरवरी में अपने पार्टी के चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट का इस्तेमाल कर संसदीय चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने के संबंध में था,। तमाम अड़चनों के बाद भी पीटीआई समर्थित 93 प्रत्याशी सांसद के रूप में चुने गए थे।
इमरान खान ने जब अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया तो इसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए अन्य छोटे दलों के साथ हाथ मिला लिया। खान अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री बने, लेकिन अप्रैल, 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान को कई कानूनी संकटों का सामना करना पड़ा है, जिनमें 2022 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत द्वारा इस्लामाबाद भेजे गए एक वर्गीकृत केबल की सामग्री को गलत तरीके से रखने और लीक करने के आरोप शामिल हैं।
इमरान खान ने बार-बार यह कहते हुए आरोपों से इनकार किया है कि दस्तावेज में सबूत हैं कि प्रधानमंत्री के रूप में उनका निष्कासन उनके राजनीतिक विरोधियों और देश की शक्तिशाली सेना द्वारा अमेरिकी प्रशासन की मदद से रची गई साजिश थी। हालांकि, वाशिंगटन और पाकिस्तानी सेना ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है। अपने पक्ष में हाल के कई अदालती फैसलों के बावजूद खान पिछले साल अगस्त से सलाखों के पीछे हैं।
सिंध के पूर्व गवर्नर जुबैर पहले पीएमएलएन के साथ थे, लेकिन अब उन्होंने आगे राजनीतिक अराजकता की चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार का फैसला पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के जवाब में था। उन्होंने बताया, “जो शक्तियां हैं, वे देश के मतदाताओं के सबसे बड़े बहुमत को वंचित करने की कोशिश कर रही हैं, जिन्होंने पीटीआई को वोट दिया था।
इनपुट- हिदुस्थान समाचार