नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को बड़ा निर्णय लिया है। इस निर्णय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल की शक्तियां बढ़ाई गई हैं। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश के उपराज्यपाल को राज्य की पुलिस व सार्वजनिक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा यानी IAS संबंधित मामलों में अधिक अधिकार प्रदान किए हैं। पहले इन मामलों में उपराज्यपाल (LG) को फाइनेंस डिपार्टमेंट से अनुमति लेनी पड़ती थी। लेकिन, अब इन विभागों से संबंधित तैनाती और तबादला एलजी के अधिकार क्षेत्र में आएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 में नई उपधाराएं जोड़ी गई हैं। यह उपधाराएं प्रदेश के उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र को विस्तृत करती हैं। अधिसूचना ने अनुसार, पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संबंधित फैसलों के बारे में एलजी को वित्त विभाग से अनुमति लेनी की कोई आवश्यकता नहीं है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि राज्य में किसी भी प्रकार के प्रस्ताव के स्वीकृत या अस्वीकृत होने से पूर्व मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। साथ ही राज्य में महाधिवक्ता व अन्य विधिक अधिकारियों की नियुक्ति से पहले एलजी की मंजूरी आवश्यक होगी। साथ ही एलजी के कारागार, अभियोजन निदेशालय, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से जुड़े सभी मामलों को अब उप राज्यपाल को सौंपा जाना आवश्यक होगा।
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जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर से पहले कराने हैं विधानसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 पास कर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था। साथ ही जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों (जम्मू कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। जिसके बाद से अभी वहां विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि राज्य में 30 सितंबर 2024 से पहले विधानसभा चुनाव कराए जाने चाहिए।