Lucknow News- सरकारी ड्राइवर को गलत तरीके से लाभ देने के आरोप में बीते दिनों 2008 बैच के IPS अधिकारी जुगुल किशोर को सस्पेंड कर दिया गया था। सस्पेंड होने के बाद वह सोशल मीडिया पर सरकार के इस फैसले को लेकर अपने अंदाज में प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। उन्होंने गीता के कई उपदेशों को एक्स प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रतिक्रियाओं के तौर पर पोस्ट किया है। बता दें, कि जुगुल किशोर फायर विभाग के DIG थे।
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सोशल मीडिया पर दी प्रतिक्रिया
उत्तरा प्रदेश की योगी सरकार ने 9 जुलाई को आईपीएस अधिकारी जुगुल किशोर को सस्पेंड कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने पहली प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि, इन वर्षों में मैंने क्या सेवा की, मेरे सभी प्रयास, बिना किसी डर के, यदि मैं किसी भी गिरे हुए मन को उठाने में सफल हो जाऊं, समय मानवजाति के प्रति मेरी सेवा का साक्षी बनेगा। इस पोस्ट से साफ है, कि वो सरकार के फैसले से खुश नहीं हैं जबकि, उन्हें अपने द्वारा लिए गए फैसले पर कोई भी पछतावा नहीं है।
गीता में लिखे उपदेशों को किया पोस्ट
डीआईजी फायर सर्विस के पद पर रह चुके जुगुल किशोर ने सस्पेंड होने के दूसरे दिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि, ‘हमारा अस्तित्व किसी भी पद प्रतिष्ठा से परे है, ईश्वर हमारे साहसी स्वभाव के कारण, हमें अन्य अधिक साहसी कार्यों के लिए नियुक्त करेंगे। उन्होंने लिखा, कि महाभारत ऐसे ही अन्यायों को लक्ष्य करके लिखी गई होगी। श्रीकृष्ण के विपक्ष में खड़ा कौरव वंश कहां जान रहा था, कि उसका शासन होकर भी अंततः हारना उसे ही है। उन्होंने लिखा, कि जीवन की हर एक समस्या के भीतर उपहार छिपा होता है, इसलिए जब समस्या आए तो उससे निराश मत हो, उसका अंत आपकी उम्मीदों से भी सुंदर हो सकता है।
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आगे उन्होंने लिखा, कि कार्रवाई सुखद परिणाम देगी, ईश्वर साक्षी है हम बिल्कुल विचलित नहीं हैं। वास्तव में जो सेवक धर्म जानता है, वह स्वामी के दुख से तो दुखी हो सकता है, स्वयं का दुःख उसे कभी छू नहीं सकता। मेरा स्वामी ईश्वर के बाद समाज है, क्योंकि हम लोक सेवक हैं। साथ ही अपने शुभचिंतकों से निवेदन करते हुए लिखा है, कि कोई अनुचित कदम न उठाएं। उन्होंने लिखा कि मेरा दृष्टिकोण ही मेरी ऊंचाई तय करेगा।
दुर्दांत डकैत घनश्याम केवट का किया था एनकाउंटर
बताते चलें, कि 2008 बैच के आईपीएस जुगुल किशोर एक सख्त पुलिस अफसर के तौर पर जाने जाते हैं। दिसंबर 2022 से वह फायर सर्विसेज के डीआईजी थे। इसके अलावा बांदा, वाराणसी, इलाहाबाद, लखनऊ, बहराइच और चित्रकूट के एसपी भी रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में चित्रकूट में आतंक का पर्याय बन चुके, दुर्दांत डकैत घनश्याम केवट को एनकाउंटर में ढेर किया था।