लखनऊ: बीते कुछ दिनों में पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश से प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं। जिससे मैदानी इलाकों में बाढ़ का कहर देखा जा रहा है। यूपी में 12 जिलों के 800 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां NDRF और SDRF की टीमों को तैनात किया गया है। बाढ़ का सबसे अधिक कहर पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले में देखने को मिल रहा है। इन दोनों जिलों का सीएम योगी ने बुधवार को निरीक्षण किया था। साथ ही पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित कर हवाई सर्वेक्षण के जरिए स्थिति का जायजा भी लिया था।
यूपी के 12 जिलों में जल प्रलय
यूपी में जिन 12 जिलों में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है, उनमें सबसे अधिक प्रभावित पीलीभीत, लखीमपुर खीरी हैं। इसके अलावा श्रावस्ती, बलरामपुर, कुशीनगर, बस्ती, शाहजहांपुर, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और बलिया जिले में बाढ़ का कहर दिख रहा है। कुल मिलाकर यूपी के 800 गांवों में जल प्रलय की स्थिति बनी हुई है। जिससे चलते लोगों को अपने घरों को छोड़कर, उंचाई वाले स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
यह नदियां उफान पर
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बीते कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की कई नदियां व उनकी सहायक नदियां उफान पर हैं। शारदा, घाघरा, राप्ती, बूढ़ी राप्ती व क्वानो नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके चलते आसपास के गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। यहां प्रशासनिक टीमें लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
बीते 24 घंटों में सर्वाधिक बारिश वाले टॉप 5 जिले
मानसून सक्रिय होते ही प्रदेश भर में औसत से अधिक बरसात हुई है। जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर बात यूपी के टॉप 5 बारिश वाले जिलों की करें तो इसमें सबसे पहला नाम वाराणसी का आता है। यहां अब तक सबसे अधिक 60 MM बारिश दर्ज की गई है। इसी प्रकार से गाजीपुर में 47mm, कानपुर में 35.3mm, अयोध्या में 17.4mm, बलिया में 16mm बरसात दर्ज की गई है।
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औसत से 26 प्रतिशत अधिक हुई बारिश
प्रदेश में अगर पिछले 24 घंटों में बारिश की बात करें तो 2.3 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई है। वहीं 1 जून से अबतक औसतन बारिश 169.4 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। लेकिन, मानसून सक्रिय होने से अब तक कुल 213.2 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। जो औसत से 26 प्रतिशत अधिक है।