नोएडा- यूपी के नोएडा में एक किडनी ट्रांसप्लांट गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में नोएडा के 2 बड़े अस्पतालों, यथार्थ हॉस्पिटल और अपोलो अस्पताल का नाम सामने आया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए हैं, जहां से गरीब लोगों को नौकरी का लालच देकर दिल्ली लाया जाता था और उनके पासपोर्ट जब्त कर उन्हें किडनी डोनेट करने के लिए मजबूर किया जाता था। इस गिरोह के सदस्य डोनर और प्राप्तकर्ता के बीच फर्जी रिश्तेदारी के दस्तावेज बनवाते थे। दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल में केवल टेस्ट और जांच होती थी, जिसके बाद दोनों को नोएडा ट्रांसफर कर दिया जाता था।
टेस्ट होने के बाद नोएडा के अस्पतालों में किडनी ट्रांसप्लांट कराए जाते थे। यथार्थ और अपोलो अस्पताल में अधिकतर किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन किए गए हैं। नोएडा के इन दोनों अस्पतालों में अधिकांश ऑपरेशन डॉ. विजया कुमारी द्वारा किए गए। पुलिस जांच में पाया गया कि डॉ. विजया कुमारी अपने सहायक विक्रम के जरिए इस गिरोह से जुड़ी थी। वह पिछले 4 वर्षों से इस गिरोह के साथ काम कर रही थीं। डॉ. विजया कुमारी अपने मरीजों से सीधे पैसे लेने का काम करती थी। उनके बैंक खातों की जांच में PNB के खातों में 10 लाख रुपए से अधिक और दूसरे खाते में 2 लाख रुपए से अधिक जमा मिले हैं।
डॉ. विजया कुमारी और उनकी टीम किडनी ट्रांसप्लांट के लिए साढ़े 3 से 4 लाख रुपए तक चार्ज करती थी। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चर्चित डॉ. डी. विजया कुमारी का मामला सामने आने के बाद, उनके खातों की जांच की जा रही है। वहीं नोएडा पुलिस और क्राइम ब्यूरो ने मिलकर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस आरोपियों को पकड़ने के बाद गिरोह के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचने की कोशिश कर रही है। दिल्ली-NCR से बांग्लादेश तक फैले इस गिरोह की गतिविधियों की जांच तेज कर दी गई है।
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