संकट से जूझ रहे डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म पेटीएम को राहत मिलती दिखाई पड़ रही है। चीन से जुड़े निवेश की जांच करने वाली सरकारी समिति ने पेटीएम को राहत देते हुए उसकी एक महत्वपूर्ण सहायक कंपनी में 50 करोड़ रुपए ($6 मिलियन) के निवेश को मंजूरी दी है। हालांकि, इस मंजूरी को अभी वित्त मंत्रालय से स्वीकृति मिलना बाकी है।
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बता दें कि पेटीएम पेमेंट सर्विसेज,, कंपनी के मुख्य कारोबार का बड़ा हिस्सा है। इस साल भारतीय रिजर्व बैंक ने नियमों का पालन ना करने के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके चलते पेटीएम के शेयरों में भी गिरावट आई थी।
दरअसल, सरकारी समिति ने पहले इस निवेश को इसलिए मंजूरी नहीं दी थी क्योंकि पेटीएम में चीन की कंपनी एंट ग्रुप की 9.88 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद के बाद से चीनी कंपनियों की जांच को लेकर भारत काफी सख्त हो गया है। इस मामले में करीब दो सालों से पेटीएम को सरकारी समिति की मंजूरी का इंतजार था। अगर ये मंजूरी नहीं मिलती तो पेटीएम को अपनी पेमेंट सर्विसेज का कारोबार भी बंद करना पड़ता। बता दें कि मार्च 2023 से पेटीएम अपने नए ग्राहकों को नहीं जोड़ पा रहा है। अब सरकारी अनुमति मिलने के बाद, पेटीएम भारतीय रिजर्व बैंक से “पेमेंट एग्रीगेटर” लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेगा।
पेटीएम ने कहा- जरूरी जानकारी होने पर एक्सचेंज को करेंगे सूचित
इस मामले को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इसके अलावा सरकारी समिति में विदेश, गृह, वित्त और उद्योग मंत्रालयों के प्रतिनिधि होते हैं, और इन मंत्रालयों ने राय देने के लिए भेजे गए ई-मेल का जवाब नहीं दिया है। वहीं पेटीएम प्रवक्ता ने कहा है कि वो मार्केट में लगाई जा रही अटकलों पर फिलहाल कुछ नहीं कहना चाहते। हम सेबी के नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे। कोई जरूरी जानकारी होने पर रेगुलेटरी फाइलिंग के जरिए सभी एक्सचेंज को सूचित किया जाएगा।